Friday, November 22"खबर जो असर करे"

 राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सर जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम का अवलोकन

भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान सर स्व. जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम का अवलोकन किया। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे। जल संसाधन मंत्री एवं मिनिस्टर इन वेटिंग तुलसी सिलावट, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्यों एवं सांसद विवेक नारायण शेजवलकर आदि ने जयविलास पैलेस पहुंचने पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया।

 

ग्वालियर प्रवास के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू सबसे पहले जयविलास पैलेस पहुँचीं, जहां केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने पारम्परिक रीति-रिवाज से अगवानी की। राष्ट्रपति के आगमन पर आदिवासी लोक नृत्य, रंगा रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। म्यूजियम आगमन पर राष्ट्रपति मुर्मू का लोक एवं शास्त्रीय नर्तकों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। राष्ट्रपति ने महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने भी महाराजा जीवाजीराव सिंधिया को पुष्पांजलि दी।

राष्ट्रपति ने म्यूजियम में संस्कृति एवं इतिहास से जुड़ी विभिन्न गैलरियों को देखा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समृद्धशाली और गौरवशाली मराठा इतिहास के बारे में बताया। साथ ही मानचित्र के जरिये वर्ष 1758 में मराठा साम्राज्य के विस्तार की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने मराठा इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को देखा। राष्ट्रपति ने संग्रहालय के अवलोकन के दौरान स्कूली बच्चों से भेंट कर उन्हें टॉफी बाँटी तथा बातचीत की। दिव्यांग बालक से भी उन्होंने बातचीत की। उन्होंने दरबार हॉल में गण्यमान्य नागरिकों से भी बातचीत की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संग्रहालय में लोक कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने लोक कलाकारों से उनके कला-शिल्पों और कला के बारे में जानकारी प्राप्त की। राष्ट्रपति ने हैंडलूम पर साड़ी बुन रहे बुनकर, लोक-चित्रकार, लकड़ी की कलाकृतियाँ, माटी के बर्तन बनाने वाले कलाकार की कलाकृतियों की सराहना की। पिछले 60 वर्षों से सिंधिया राजवंश की पगड़ी बांधने वाले कलाकार मोहम्मद रफीक अहमद से भेंट कर उसकी कला को भी सराहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने टेराकोटा व्हील पर मिट्टी के बर्तन बना रहे छैलन बिहारी प्रजापति और कालीन बुनकर राकेश सविता से भी भेंट की। राष्ट्रपति मुर्मु ने स्कूली बच्चों, सभी कलाकारों, लोक नर्तकों, शास्त्रीय नर्तकों के साथ समूह फोटो भी खिंचवाया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिंधिया परिवार के साथ दोपहर का भोजन किया। उन्हें बिना प्याज लहसुन का भोजन परोसा गया। ओडिशा और उत्तर भारत की स्पेशल डिश खुद सिंधिया और उनकी पत्नी ने तैयार की थी। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने खुद राष्ट्रपति को खाना परोसा। लंच के मेन्यू में नेपाली साग से लेकर संतुला जीरा मूँग दाल, छिलरा, पनीर मखाना, भुट्टे का कस सहित अन्य व्यंजन थे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी लंच में शामिल हुए।