उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर के गर्भगृह में श्रावण-भादौ मास के दौरान आगामी चार जुलाई से 11 सितंबर तक श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान 750 रुपये की रसीद पर गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था भी बंद रहेगी। यह निर्णय रविवार शाम को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया।
दरअसल, चार जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो रहा है और भगवान महाकाल के दर्शन के लिए श्रावण में श्रद्धालुओं की भारी उमड़ती है। इसी को देखते हुए मंदिर समिति द्वारा उक्त निर्णय लिया गया। हालांकि, प्रबंध समिति ने उज्जैन में रहने वाले लोगों के लिए महाकाल मंदिर में अलग द्वार से प्रवेश की सौगात दी है। स्थानीय भक्त 11 जुलाई से अपना आधार कार्ड दिखाकर गेट नं. एक से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। सुविधा की शुरुआत महापौर मुकेश टटवाल प्रथम नागरिक के रूप में मंदिर में प्रवेश कर करेंगे। उज्जैन के लोगों के लिए अलग द्वार से प्रवेश का प्रस्ताव भी महापौर ने ही दिया था।
बैठक में श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के नाम भी तय कर दिए गए हैं। बैठक में भक्तों की सुविधा के लिए 10 बिस्तर का हास्पिटल, चार अत्याधुनिक सुविधाघर तथा मातृत्व कक्ष बनाने को लेकर भी निर्णय लिया गया है। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, प्रशासक संदीप कुमार सोनी, एसपी सचिन शर्मा, समिति सदस्य पं.राम पुजारी, पं.प्रदीप गुरु, पं. राजेंद्र गुरुजी सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
40 रुपये किलो महंगा हुआ लड्डू प्रसाद, 400 रुपये किलो मिलेगा
बैठक में भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के दाम में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया गया है। समिति ने लड्डू प्रसाद के भाव में 40 रुपये किलो की वृद्धि की है। वर्तमान में लड्डू प्रसाद 360 रुपये किलो बिक रहा है। श्रावण मास में भक्तों को लड्डू प्रसाद 400 रुपये किलो में खरीदना पड़ेगा। समिति के इस निर्णय से भक्तों की जेब पर अतिरिक्त भार बढ़ा है। मामले में समिति का कहना कि वर्तमान में लड्डू प्रसाद की निर्माण लागत 400 रुपये 84 पैसे प्रतिकिलो पड़ रही है। दाम 400 रुपये किलो करने के बाद भी समिति को 84 पैसे प्रति किलो नुकसान उठाना पड़ेगा।
बैठक में मंदिर विकास में सहयोग देने वाले बड़े दानदाताओं को विशेष पैकेज देने पर चर्चा हुई। हालांकि, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।