Friday, November 22"खबर जो असर करे"

तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक भूख हड़ताल पर बैठा, कहा- मेरे मामले की सही जांच नहीं हो रही

नई दिल्‍ली । दिल्ली (Delhi) की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद यासीन मलिक (Yasin Malik) कारागार के अंदर ही भूख हड़ताल (hunger strike) पर बैठ गया है. जम्मू-कश्मीर लिबिरेशन फ्रंट (Jammu and Kashmir Liberation Front) का चीफ यासीन मलिक यहां आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

सुबह से बैठा भूख हड़ताल पर
यासीन मलिक शुक्रवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा हुआ है. उसका कहना है कि उसके खिलाफ जो विचाराधीन मामला चल रहा है, उसकी जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है. इसलिए उसने सुबह से ही जेल के अंदर भूख हड़ताल की हुई है.

नहीं मानी अधिकारियों की बात
जेल के कई अधिकारी यासीन मलिक की भूख हड़ताल तुड़वाने की कोशिश में नाकाम रहे. उन्होंने यासीन मलिक से बातचीत कर भूख हड़ताल छोड़ने के लिए कहा, लेकिन उसने भूख हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया. यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ तेल में कारागार संख्या-7 में बंद है.

मई में मिली उम्रकैद की सजा
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था. वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है. मई 2022 में यासीन मलिक को आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया और अभी वो उम्रकैद की सजा काट रहा है.

अदालत में सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने यूएपीए के तहत उस पर लगाए गए अधिकांश आरोपों को मान लिया था. यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के आरोपों को चुनौती नहीं देगा.

यासीन मलिक पर हैं गंभीर आरोप
यासीन मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या जैसे आरोप लगे थे. वायुसेना के जवानों पर यह हमला 25 जनवरी 1990 को हुआ था. तब ये जवान श्रीनगर में एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे. इस हमले में स्कवॉड्रन लीडर रवि खन्ना समेत चार जवान शहीद हो गए थे. जबकि 40 लोग जख्मी हुए थे.