Friday, November 22"खबर जो असर करे"

आकाश में स्ट्राबेरी मून की चमक का मुकाबला करता दिखा वीनस

-आंखों से पूरा चमकदार दिखने वाला वीनस टेलिस्कोप से दिख रहा था आधा

भोपाल (Bhopal)। खगोल विज्ञान (astronomy) में रूचि रखने वालों के लिए वट पूर्णिमा के अवसर पर रविवार की शाम आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना (wonderful celestial event) देखने को मिली। इस दौरान तारामंडल का सबसे चमकदार ग्रह शुक्र (वीनस) (Brightest Planet Venus (Venus) पश्चिमी आकाश (Western Sky) में अपनी चमक बिखेर रहा था, तो वहीं पूर्वी आकाश (Eastern Sky) में स्ट्राबेरी मून चमचमाता (Strawberry Moon Glistens) नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था मानो वीनस स्ट्राबेरी मून की चमक का मुकाबला कर रहा हो।

नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्या विज्ञान कार्यक्रम में रविवार शाम घटित हुई इस खगोलीय घटना से संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्वी आकाश में स्ट्राबेरी मून के साथ ही पश्चिमी आकाश में चमकता और आमलोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाला वीनस आज अपनी परिक्रमा पथ के खास मुकाम पर था। आंखों से पूरा चमकदार दिखने वाले इस प्लेनेट को जब टेलिस्कोप से देखा तो वो आधा चमक रहा था।

सारिका ने बताया कि सूर्य से दूसरा ग्रह शुक्र अपनी परिक्रमा करते हुए रविवार शाम को उस स्थिति में था, जब इसकी सूर्य से कोणीय दूरी 2023 के लिए सबसे अधिक थी। इसे वीनस एट ग्रेटेस्ट इलोंगेशन ईस्ट कहते हैं। इस दौरान वीनस का पूरा 50 प्रतिशत भाग सूर्य के प्रकाश से चमकता हुआ पृथ्वी से दिख रहा था। खगोल विज्ञान में इस घटना को वीनस एट डायकोटॉमी कहते हैं। ये दोनों घटनाएं एक साथ घटित हुईं। वीनस क्षितिज से 42 डिग्री एल्टीट्यूड पर रहते हुए माईनस 4.3 के मैग्नीट्यूड से चमचमा रहा था।

सारिका ने बताया कि आमतौर पर शुक्र को देखने पर चमकता तो दिखता है, लेकिन इसका 50 प्रतिशत से कम भाग ही चमकता दिखता है। सामान्य आंखों से देखने पर ऐसा लगता है, मानो पूरी डिस्क चमक रही हो। अब इसकी चमक और बढ़ेगी और आगामी 09 जुलाई को यह सबसे चमकदार दिखेगा। सारिका ने बताया कि शाम के समय वीनस एट डायकोटॉमी की अगली घटना 12 जनवरी 2025 को देख पाएंगे।