Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

श्रेष्ठ राजव्यवस्था और आनंददायी समाज

– हृदयनारायण दीक्षित

दुनिया के सभी समाज सुख और आनंद के इच्छुक रहते हैं। सुख और दुख बारी बारी से आते जाते हैं। मनुष्य समाज का अंग है। लेकिन अनेक अवसरों पर मनुष्य और समाज के बीच अंतर्विरोध भी दिखाई पड़ते हैं। मनुष्य प्रकृति का भी अंग है। लेकिन मनुष्य और प्रकृति के बीच अंतर्विरोध भी होते हैं। यह मनुष्य को दुखी करते हैं। समाज शांतिपूर्ण ढंग से रहने के लिए राजव्यवस्था विकसित करते हैं। महाभारत में राजा को काल का कारण बताया गया है। राजव्यवस्था समाज को सुखी बनाने के प्रयत्न करती है। राजा या राजव्यवस्था महत्वपूर्ण है। राजव्यवस्थाएं आनंदमगन समाज के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं। मनुष्य की अनेक मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं। अनेक अभिलाषाएं होती हैं।

ऋग्वेद (9.113.10 व 11) में प्रार्थना है, ‘जहां सारी कामनाएं पूरी होती हैं। जहां सुखदाई तृप्तिदायक अन्न हों। हे देव हमें वहां स्थायित्व दें।’ अन्न और कामनाओं की पूर्ति पर्याप्त नहीं है। इसलिए आगे कहते हैं, ‘जहां आनंद मोद, मुद और प्रमोद हैं – यत्र आनंदश्च मोदाश्च्स मुद प्रमोद आसते।’ इस मंत्र में आनंद मुद मोद और प्रमोद एक साथ आए हैं। इसी के आगे सुंदर राजव्यवस्था की इच्छा है। आदर्श राजव्यवस्था के अभाव में राष्ट्र सुखी नहीं होते। श्रेष्ठ राजव्यवस्था आनंददायी होती है। इसी प्रार्थना में आदर्श राजव्यवस्था का उल्लेख करते हैं, ‘जहां विवस्वान (सूर्य) का पुत्र राजा है, जहां आनंद का द्वार है, आप वहां स्थायित्व दें।’ यहां एक आदर्श राजव्यवस्था की प्रार्थना की गई है। राजा या राजव्यवस्था समाज को आनंदपूर्वक रहने के अवसर उपलब्ध कराती है। भारतीय परंपरा में राजा शासक नहीं सेवक है। प्रजा पुत्र है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिम्मेदार राजप्रमुख हैं। वे स्वयं को प्रधानसेवक कहते हैं। बीते माह उनके कार्यकाल के नौ साल पूरे हुए हैं। इस अवधि की अनेक उपलब्धियां हैं।

नौ साल विकास और राष्ट्रीय आत्मविश्वास का उल्लेखनीय कालखंड रहा है। इस अवधि में देश ने अनेक आश्चर्यजनक उपलब्धियां पाई हैं। सारी दुनिया को हिला देने वाली कोरोना महामारी ने यहां अनेक चुनौतियां पेश की थीं। तमाम देशों में कोरोना के कारण मौत का तांडव था। मोदी जी ने लॉकडाउन का साहसिक निर्णय लिया। कोरोना से लड़ने में सरकार ने पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा पाई। भारत ने दुनिया के अनेक देशों में वैक्सीन भेजी। देश के भीतर कोरोना से लड़ने की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की। तमाम सर्वेक्षणों में मोदी जी शक्तिशाली ग्लोबल लीडर बताए गए। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बहुत लम्बे अरसे से भारत पर आक्रामक रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस आतंकवाद से निर्णायक युद्ध हुआ। मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमला (सर्जिकल स्ट्राइक) हुआ। पूरे देश ने मोदी जी के इस निर्णय की प्रशंसा की।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय आसान नहीं था। यद्यपि संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 370 के शीर्षक में ही लिख दिया था, -जम्मू कश्मीर के विषय में अस्थाई उपबंध।’ संविधान निर्माता अपनी तरफ से इसे अस्थाई लिख चुके थे। लेकिन संविधान निर्माण (1949) से लेकर 2019 तक यह स्थाई अनुच्छेद बना रहा। मोदी जी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को हटाने का साहसपूर्ण फैसला लिया गया। इस अनुच्छेद के पक्षकार आश्चर्यचकित थे और राष्ट्रवादी शक्तियां प्रसन्न थीं। यह एक अनूठी पहल थी। देश के लोगों में आत्मविश्वास का नया वातावरण देखा गया।

मोदी जी ने अनेक लोकप्रिय योजनाओं की शुरुआत की। जनधन योजना गरीबों के लिए सहारा बन कर सामने आई। इस योजना में खाते पर गरीबों को चेकबुक, पासबुक दुर्घटना बीमा के अलावा ओवरड्राफ्ट की भी सुविधा है। यह एक अनूठी योजना है। इसी तरह किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि से केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना लाई। इस योजना में केंद्र सरकार देश के छोटे किसानों को साल में 6000 रुपये की सहायता देती है। इस योजना से छोटे किसानों को पर्याप्त राहत मिली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 2020 में शुरू हुई थी। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन था। इस समय इस योजना को शुरू किया गया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन मिला। गरीबों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी रही।

इसी तरह उज्जवला योजना 2016 में शुरू हुई थी। यह एक असाधारण योजना है। महिलाओं के जीवन में क्रन्तिकारी बदलाव आया। इस योजना के अधीन एक साल में 12 गैस सिलेंडर बांटे जाते हैं। प्रत्येक सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जाती है। एक साल में सब्सिडी के रूप में 2400 रुपये का लाभ मिलता है। आयुष्मान भारत योजना सारी दुनिया में विशिष्ट है। नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखकर बनाई गई यह योजना गरीबों के लिए सहारा बनी। इस योजना में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है। दवाई की लागत व चिकित्सा पर अन्य खर्च सरकार देती है। इस योजना में पात्रों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है। आयुष्मान कार्ड धारक गरीब सूचीबद्ध अस्पतालों में अपना इलाज मुफ्त कराते हैं। इस योजना की प्रशंसा सारी दुनिया ने की है।

मोदी सरकार के नौ वर्ष अनेक योजनाओं से भरे पूरे हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना महत्वपूर्ण है। इस योजना के बीमा धारक की मृत्यु होने की स्थिति में उसके परिवार को 2 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलती है। वर्ष भर में सिर्फ 436 रुपये देकर इस योजना का लाभ मिलता है। गरीबों और वंचितों के लिए यह योजना बड़ी उपयोगी है। इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 2015 में शुरू हुई थी। इसका जोर शोर से प्रचार और स्वागत हुआ था। इसका सालाना प्रीमियम केवल 12 रुपये था। अब 2022 से यह 20 रुपए कर दिया गया है। सालाना 20 रुपये में 2 लाख का सुरक्षा कवर महत्वपूर्ण है। ध्यान देने योग्य है। प्रशंसनीय है। अटल पेंशन योजना भी राष्ट्रीय चर्चा में रहती है। केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई यह योजना वस्तुतः एक पेंशन स्कीम है। इस योजना में 18 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र तक निवेश करना होता है। 60 वर्ष की उम्र के बाद प्रत्येक माह अधिकतम 5000 रुपये की पेंशन मिलती है। पेंशन की राशि निवेश पर निर्भर करती है।

गरीबों को आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना महत्वपूर्ण है। गरीबों को घर बनाने के लिए ऋण पर सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत वार्षिक 3 लाख से कम कमाने वाला व्यक्ति लाभांवित हो सकता है। गरीबों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी है। प्रधानमंत्री ने बीते 9 सालों में लोगों से संवाद बनाने के लिए ‘मन की बात‘ कार्यक्रम चलाया है। यह प्रधानमंत्री और आम जनता के बीच सीधा संवाद है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का स्वाभिमान बढ़ा है। दुनिया भारत को हलके में नहीं ले सकती। रूस – यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे थे। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी छात्रों को सुरक्षित लाया गया। दुनिया आश्चर्यचकित थी। भारत प्रसन्न है। सबसे बड़ी बात है राष्ट्रीय स्वाभिमान में वृद्धि। अर्थव्यवस्था में गतिशीलता और स्थिरता। सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत की तमाम उपलब्धियां। भारतीय योग विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली। नया संसद भवन संविधान का दिव्य मंदिर है। लोकतंत्र और संविधान की संस्थाएं मजबूत हुई हैं। राष्ट्रजीवन के सभी क्षेत्रों में आशा और उमंग का वातावरण है। वाकई यह कठिन कार्य था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के कारण यह नामुमकिन से मुमकिन हो रहा है।

(लेखक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)