Wednesday, November 27"खबर जो असर करे"

बिलावल भुट्टो ने जी20 की आड़ में कश्मीर को लेकर उगला जहर

मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर से कश्मीर राग अलापते हुए जहर उगला है। बिलावल भुट्टो ने श्रीनगर में भारत द्वारा श्रीनगर में जी-20 सम्मेलन करवाने पर नाराजगी जाहिर की है।

बिलावल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में एक साक्षात्कार में कहा कि भारत अपनी जी20 की अध्यक्षता का गलत फायदा उठा रहा है। भुट्टो ने कहा कि यह एक ऐसी कूटनीतिक घटना है जिसे पाकिस्तान कभी नहीं भुला पाएगा। बिलावल ने इससे पहले पीओके की प्रांतीय सभा में भी कुछ इसी तरह की बात कही थी। भारत 22 मई से 24 तक श्रीनगर में जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। हालांकि चीन, तुर्की और सऊदी अरब ने इससे दूरी बनाने का फैसला किया।

बिलावल ने मुजफ्फराबाद में कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना अहंकार और कश्मीर के मसले को पेश करने से नहीं हिचक रहा है। अगस्त 2019 में भारत ने कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार और राजनयिक संबंधों को निलंबित कर दिया था। जी-20 सम्मेलन के एक उपलब्धि के तौर पर माना जा रहा है।

बिलावल का कहना था कि भारत अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जी 20 की अध्यक्षता का दुरुपयोग कर रहा है। अगर भारत सरकार सोचती है कि कब्जे वाले कश्मीर में एक सम्मेलन आयोजित करके वह कश्मीरियों की आवाज दबा सकती है तो यह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग आजादी की मांग करते आए हैं और पाकिस्तान कश्मीर संघर्ष में मारे गए हजारों नागरिकों के साथ खड़ा है। बिलावल की मानें तो जी-20 की मेजबानी करके भारत ने यूरोपियन यूनियन और दुनिया की 19 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले प्रतिभागियों को काफी अजीब स्थिति में डाल दिया है।

 

बिलावल ने सोमवार को प्रांतीय सभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर को एक ‘विवादित एजेंडा’ करार दिया था। बिलावल ने कहा था कि यूएन ने यहां पर जनमत संग्रह की बात कही थी। लेकिन भारत ने आज भी यहां के नागरिकों को इसका अधिकार नहीं दिया है। बिलावल की मानें तो आज भारत ने कश्मीर को एक खुले जेल में तब्दील करके रख दिया है जहां पर कश्मीरियों को डर के साए में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उनकी मानें तो हजारों कश्मीरी लोगों की हत्या की गई है और कई गायब हैं। बिलावल की मानें तो पाकिस्तान, भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। लेकिन ये रिश्ते कश्मीर विवाद से किनारा करके नहीं बल्कि इसे सुलझाकर ही आगे बढ़ सकते हैं।