Friday, September 20"खबर जो असर करे"

क्रूड ऑयल में बड़ी गिरावट, क्या भारत में सस्ता होगा पेट्रोल और डीजल?

नई दिल्ली । आज एक बार फिर क्रूड ऑयल (crude oil) की कीमतों में गिरावट (price drop) आई है. इस गिरावट के पीछे 2 वजह हैं- 1. अमेरिका (America) में गैसोलाइन के स्टॉक (gasoline stock) में बढ़ोतरी और 2. ECB द्वारा ब्याज दरों (interest rates) में वृद्धि करने की योजना पर काम करना. गुरुवार को तेल की कीमतों में 5 डॉलर से अधिक की गिरावट आई और लीबिया से तेल की सप्लाई वापस आने से सप्लाई की चिंता कम हो गई.

पिछले सत्र में 0.4% फिसलकर 1224 GMT से ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 3.88 डॉलर, या 3.6% गिरकर 103.04 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. बुधवार को 1.9% की गिरावट के बाद यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड फ्यूचर्स $3.79 या 3.8 फीसदी नीचे गिरकर $96.09 पर था.

क्रूड ऑयल के दाम गिरने के बाद अब समझा जा रहा है कि भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो सकती है. तेल इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि भारत में ऊंचे दाम पर बिक रहे पेट्रोल-डीजल से परेशान आम लोगों को राहत देने के लिए कोई फैसला लिया जा सकता है. परंतु यह फैसला तभी संभव है, जब क्रूड ऑयल के दाम कुछ समय के लिए स्थिर हो जाएं या लगातार गिरावट देखने को मिले.

ट्रेडर्स ने सप्लाई में की कटौती
रॉयटर्स के मुताबिक, तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी तेल का नुकसान हुआ है. इसकी वजह से ट्रेडर्स को सप्लाई में कटौती करनी पड़ी है. इसके अलावा तेल की कमजोर डिमांड की वजह से भी चिंताएं बनी हुईं हैं.

यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी बढ़ाएगा दरें?
उधर, खबर है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ECB) भी दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह दरों में बढ़ोतरी करने वाला है. यह अब आर्थिक सुस्ती की जगह बढ़ती महंगाई से लड़ने पर ध्यान देगा, जिससे तेल की मांग पर असर पड़ सकता है. इसे लेकर कोई बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है.

माना जाता है कि यूरोपीय शेयर हमेशा तेल की कीमतों के साथ ही चलते हैं. इनमें भी दरों में बढ़ोतरी के फैसले के ऐलान से पहले गिरावट देखी गई है. बुधवार को जारी सरकारी डेटा के मुताबिक, अमेरिकी गैसोलाइन इन्वेंटरी पिछले हफ्ते 3.5 मिलियन बैरल बढ़ी हैं.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, PVM के एनालिस्ट स्टीफन ब्रैनरॉक (Stephen Brennock) ने कहा है कि अमेरिका में तेल की डिमांड गर्मी के सीजन के दौरान अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाती है, जोकि इस बार नहीं हो रहा है.

इस बीच, लिबिया की नेशनल ऑयस कॉरपोरेशन (NOC) ने बुधवार को कहा कि क्रूड ऑयल का उत्पादन कुछ ऑयल फील्ड्स पर दोबारा शुरू हुआ है, इसलिए पिछले हफ्ते तेल निर्यात पर लगाई गई पाबंदी को हटा लिया गया था. इससे सप्लाई से जुड़ी परेशानियों में राहत है, लेकिन डिमांड कम होना चिंता का विषय बनता जा रहा है.