Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

मप्रः डिफाल्टर किसानों के लिए ब्याज माफी योजना के निर्देश जारी

– योजना में संशोधन-परिवर्तन का निर्णय लेने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित

भोपाल (Bhopal)। राज्य मंत्रि-परिषद (State Council of Ministers) द्वारा लिए गए निर्णय के अनुक्रम में गुरुवार को सहकारिता विभाग (cooperative Department) ने डिफाल्टर कृषकों (defaulter farmers) के बकाया कालातीत फसल ऋणों के ब्याज माफ (Waiver of interest on outstanding overdue crop loans) किये जाने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। ब्याज माफी योजना में डिफाल्टर कृषकों की संख्या और ब्याज की राशि आदि में आवश्यकतानुसार संशोधन/परिवर्तन का निर्णय लेने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की गई है।

जारी निर्देश अनुसार प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक साख सहकारी समितियों (पैक्स) के ऐसे कृषक, जिन पर 31 मार्च की स्थिति में कुल देयताएँ (मूल ब्याज) 2 लाख रुपये तक है और डिफाल्टर हैं, उनके ब्याज की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जायेगी। कुल देयताओं की गणना में अल्पकालीन और मध्यकालीन परिवर्तित ऋण को शामिल किया जायेगा। उपलब्ध जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2023 की स्थिति में प्रदेश में 11 लाख 19 हजार डिफाल्टर कृषक हैं, जिन पर माफी योग्य ब्याज की राशि लगभग 2 हजार 123 करोड़ रुपये है। योजना का लाभ 31 मार्च 2023 की स्थिति में डिफाल्टर हुए कृषकों की सूची में से केवल आवेदन करने वाले डिफाल्टर कृषकों को ही दिया जायेगा।

सहकारिता विभाग के सचिव विवेक पोरवाल ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के लिए डिफाल्टर कृषकों की सूची में यूनिक नम्बर (सरल क्रमांक) के साथ कृषक का नाम, उस पर बकाया मूलधन एवं माफ की जाने वाली ब्याज राशि का विवरण बैंक स्तर पर यूटिलिटी पोर्टल से सार्वजनिक किया जायेगा।

राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली अंशपूँजी की राशि का उपयोग सभी संबंधित संस्थाएँ प्रथमत:कृषकों के ब्याज को माफ करने के लिये उपयोग करेंगी। प्रदत्त अंशपूँजी वापसी योग्य नहीं होगी। कृषकों के लिये योजना की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2023 रखी गई है।

योजना से लाभान्वित कृषकों को कृषि कार्य के लिये खाद उपलब्ध कराने के लिये यह विशेष सुविधा दी जायेगी कि जितनी राशि कृषक अपने ऋण खाते में नगद जमा करेंगे, उतनी राशि तक का खाद समिति से ऋण के रूप में प्राप्त कर सकेंगे।

योजना में डिफाल्टर कृषकों की संख्या एवं ब्याज की राशि आदि में आवश्यकतानुसार संशोधन/परिवर्तन करने का निर्णय लेने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, सचिव सहकारिता, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ कमेटी के सदस्य और प्रबंध संचालक राज्य सहकारी बैंक को संयोजक सदस्य है।