जेनेवा (Geneva)। मंकीपॉक्स (Monkeypox) अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी) नहीं (no longer a global health emergency) रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization (WHO)) द्वारा जारी रिपोर्ट में मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) को लेकर यह राहत भरी जानकारी दी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ ट्रेडोस डनॉम गेब्रियेसस ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मंकी पॉक्स अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह हुई बैठक के बाद एमपॉक्स के लिए आपातकालीन समिति ने आपातकाल को बंद करने की सलाह दी थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है और सौ से अधिक देशों में इसके मामलों की पुष्टि हुई थी।
उन्होंने आगे कहा कि भले ही एमपॉक्स अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि इससे बचाव की जरूरत भी खत्म हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि एमपॉक्स महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके लिए एक मजबूत, सक्रिय और स्थायी प्रतिक्रिया की जरूरत है।
ट्रेडोस ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इसमें कमी आ रही है यह हर्ष है, लेकिन यह वायरस अफ्रीका समेत उन सभी इलाकों में समुदायों को प्रभावित कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स को जुलाई, 2022 में एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इसके बाद नवंबर और फरवरी में इस स्थिति को बरकरार रखा गाया था।
फ्लू की तरह के लक्षण वाली बीमारी एमपॉक्स का संक्रमण पीड़ित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि पिछले तीन महीनों में इसके मामलों में लगभग 90 फीसदी की कमी दर्ज की गई। 2022 की शुरुआत से इस साल मई तक वैश्विक स्तर पर एमपॉक्स के 87,000 मामलों की पुष्टि हुई थी।