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दिग्विजय पर मानहानि मामले में आरोप तय, 1 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि मामले में भोपाल की एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दिग्विजय सिंह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। उनके वकील ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट ने धारा 500 के तहत आरोप तय करते हुए मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को तय कर दी है।

दरअसल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। वीडी शर्मा ने अपने बयान में कोर्ट को बताया कि दिग्विजय सिंह ने 4 जुलाई 2014 को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के सामने उनके विरुद्ध आरोप लगाते हुए कहा था कि वीडी शर्मा एबीवीपी के महामंत्री रहे हैं, उनके द्वारा आरएसएस और व्यापमं के बीच में बिचौलिए का काम किया गया है। जिसका प्रकाशन समाचार पत्रों में हुआ था। जिसको आमजन द्वारा पढ़ा गया एवं आम जनता के बीच में उनकी आरोपों के कारण छवि धूमिल हुई थी। जिससे व्यथित होकर उन्होंने कोर्ट के सामने मानहानि का मुकदमा दायर कर साक्ष्य प्रस्तुत किए।

कोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को धारा 500 के तहत दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज किया था। अब कोर्ट ने मामले में आरोप तय कर दिये हैं। इसकी सुनवाई 1 जुलाई को होगी। फिलहाल दिग्विजय सिंह इस मामले पर जमानत पर हैं। फरवरी 2023 में उन्हें जमानत मिली थी।

अधिवक्ता सचिन वर्मा ने बताया कि भोपाल कोर्ट ने धारा 500 के तहत आरोप तय किए हैं। आरोप सिद्ध होने पर दिग्विजय सिंह को अधिकतम दो साल की जेल हो सकती है। दो साल की सजा होने पर राज्यसभा सदस्यता भी रद्द हो सकती है। साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लग सकती है।