ग्वालियर। शिवपुरी में रहने वाली 18 माह की बच्ची खेल-खेल में ढाई इंच की धारदार पिन (ताबीजनुमा) निगल गई। परिजन उसे शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर आए। यहां पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अजय उपाध्याय और उनकी टीम ने दूूरबीन के जरिए बिना चीरा लगाए पिन बाहर निकाली। डॉक्टर के मुताबिक बच्ची के पेट का एक्स-रे कराया तो पाया कि पिन पेट और आंतों के बीच में रीढ़ की हड्डी के पास दिखी।उसे जल्द ही नहीं निकाला जाता तो पिन आंत को नुकसान पहुंचा सकती थी।
डॉ. उपाध्याय ने एंडोस्कोपिक विशेषज्ञ डॉ.आरके गुप्ता,एनेस्थिया विशेषज्ञ डॉ. दिनेश बौहरे की टीम के सहयोग से यह ऑपरेशन किया। ऑपरेशन दूरबीन पद्धति से किया गया इसलिए बच्ची के शरीर में कोई भी चीरा नहीं लगा।डॉ. उपाध्याय ने बताया कि अगर धारदार पिन निकालने में आधा घंटे लेट हो जाते तो पिन आंतों में चली जाती उस स्थित में बच्ची के पेट में चीरा लगाकर बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है।