-शराब पीकर जुल्म करता था माता-पिता पर
ग्वालियर। शराबी बेटा अपने बुजुर्ग माता-पिता पर आए दिन अत्याचार करता। इतना ही नहीं उसने बुजुर्ग पिता को घर से निकाल दिया। ऑखों मे आंसू लिए बुजुर्ग एसडीओपी घाटीगांव के द तर पहुंचा। एसडीआपी नहीं मिले तो एक कोने में जाकर ैबैठकर उनका इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद एसडीओपी आए ओर उनकी नजर कोने मे बैठे बुजुर्ग पर पड़ी। वह चेहरा देखकर पहचान गए कि बुजुर्ग कोई परेशानी मे हे। उन्होने तुरंत बुजुर्ग को बुलाकर परेशानी सुनी। फिर क्या था तत्काल उनके शराबी बेटे को बुलाकर समझाया तो उसकी समझ मे आ गए। बेटे ने अपने माता पिता के पैरों मे गिरकर माफी मांगी और दोबारा इस तरह की हरकत न करने का वादा किया।
आरोन गांव में रहने वाले 75 साल के मिश्री लाल जाटव अपने बेटे की करतूत से परेशान थी। बेटा सोनू जाटव अपने पिता मिश्रीलाल के साथ बदतमीजी करता था और शराब के नशे में मारपीट भी करता था। बुजुर्ग मिश्रीलाल ने कई बार आरोन थाने में बेटे की शिकायत की लेकिन कोई हल नहीं हुआ पुलिस ने भी पारिवारिक मामला बताकर इसमें दखल देने से इंकार कर दिया था। करीब सप्ताह भर पहले बुजुर्ग मिश्रीलाल घाटीगांव एसडीओपी संतोष पटेल के द तर में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। बुजुर्ग ने बताया कि उनका बेटा सोनू शराब के नशे में अपनी मां के साथ मारपीट करता है, समझाने पर पिता और भाई के साथ भी हाथापाई पर उतर आता है। सोनू पिछले कई दिनों से जमीन अपने नाम कराने की बात को लेकर घर में झगड़ा और मारपीट कर रहा है। एसडीओपी संतोष पटेल ने पहले बुजुर्ग मिश्रीलाल को बैठाकर उससे बातचीत की। इस दौरान पुलिस स्टाफ ने मिश्रीलाल को खाना भी खिलाया और उसके बाद पटेल अपनी गाड़ी में बैठा कर मिश्रीलाल को आरोन थाना पहुंचे। एसडीओपी ने बुजुर्ग के बेटे सोनू को आरोन थाने में बुलवाया। करीब 3 महीने पहले भी सोनू ने अपनी मां के साथ मारपीट कर उनके हाथ तोड़ दिए थे इस मामले में पुलिस ने सोनू को गिर तार कर जेल भेज दिया था। 10 दिन जेल की हवा खाने के बाद सोनू रिहा हो गया था। यहां एसडीओपी ने सोनू के कान खींचे और स त लहजे में उसे समझाया तो उसे समझ में आ गया कि अब गुंडागर्दी नहीं चलेगी। एसडीओपी संतोष पटेल ने पहले तो सोनू को अपने स त पुलिसिया लहजे में समझाइश दी फिर सोनू और उसके पिता को बैठाकर आपस में बात कराई। बातचीत के दौरान सोनू को अपनी गलती का एहसास हुआ फिर वह अपने पिता के पैरों में सिर रखकर माफी मांगने लगा। पुलिस ने थाने से दोनों पिता-पुत्र को घर पहुंचा दिया। इस घटना को 8 दिन का वक्त बीत गया और अब घर मे शांति भी है।