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मप्रः देसी हांडी फूड फेस्ट में दिखा जनजातीय कला व स्वाद का अनूठा संगम

भोपाल (Bhopal)। यहां बिट्टन मार्केट स्थित दशहरा मैदान (Dussehra Maidan at Bitton Market) में रविवार को दो दिवसीय ‘देसी हांडी फूड फेस्ट’ (‘Desi Handi Food Fest’) का समापन हुआ। सभी फूड लवर्स (Food lovers) और जनजातीय संस्कृति (tribal culture) को जानने-समझने आए लोगों का जनजातीय खाद्य संस्कृति में खासा रुझान दिखाई दिया।

‘ट्राइबल से ट्रेडिशन तक’ थीम पर आयोजित इस फूड फेस्ट में कोरकू, गोंड, बैगा, भीली और सहरिया जनजातीय समूहों के पारंपरिक फूड के स्टॉल्स पर लोगों ने देसी व्यंजनों का लुत्फ उठाया। साथ ही मोटे अनाज (मिलेट्स) और देसी चौपाटी के भी कई स्टॉल्स में कई स्वादिष्ट पकवान टेस्ट करने को मिले। वहीं, स्वाद के कद्रदानों ने गोंड, बैगा, सहरिया और कोरकू जनजातीय समुदायों के पारंपरिक पाककला से तैयार व्यंजनों का स्वाद चखा। लोगों ने कोदो-कुटकी भात, देशी मुर्गा व मटन, मछली, चेंच भाजी, बांस के पिहरी, कीट गादा, मक्के व ज्वार की रोटी जैसे कई ट्राइबल फूड आइटम्स का भी खूब लुत्फ उठाया।

फेस्ट में वायगांव हल्दी, कोदो-कुटकी कुकीज़ व बिस्किट्स, कोदो, कुटकी, महुआ, चिन्नौर चावल, चेरी टमाटर, मिलेट आटा, रागी व ज्वार के मफिन्स, सूजी-रागी पास्ता जैसी कई ऑर्गेनिक ट्राइबल फूड आइटम्स की लोगों ने जमकर खरीदारी की।

फेस्ट की आखिरी शाम को गुदुम, कर्मा, गेडी नृत्य और कली बाई की पंडवानी की प्रस्तुतियां हुईं। पंडवानी गायन में महाभारत में पांडवों की लड़ाई की गाथा सुनाई गई जिसे मुख्यतः दशहरा और अन्य तीज त्योहारों पर गाया जाता है। जनजातीय कार्य विभाग का वन्या प्रकाशन इस फेस्ट में पार्टनर रहा जिसमें विभिन्न जनजातीय कलाकारों ने अपने हस्तशिल्पों के स्टॉल्स भी लगाए। कलाकारों ने गोंड व भील पेंटिंग्स, वुडन ट्राइबल मुखौटा, वोलनी टोकनी, पेपरमेशी डेकोरेटिव्स, मिट्टी के बर्तन, बेल मेटल जैसे कई ट्राइबल होम डेकोर आइटम्स के स्टॉल्स लगाए जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया। (एजेंसी, हि.स.)