छतरपुर (Chhatarpur)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhatarpur district) में खेलते-खेलते बोरवेल के खुले गड्ढे (open pit borewell) में गिरी तीन साल की बच्ची (Three-year-old girl rescued safely) को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बच्ची को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है। प्रशासन ने करीब चार घंटे में सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। बच्ची के बाहर आते ही उसके परिजनों और वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्ची के सकुशल निकलने पर खुशी जताई है।
मामला छतरपुर जिले के बिजावर थाना क्षेत्र के ललगुवां गांव का है। रविवार को ग्राम के रवि विश्वकर्मा और उनकी पत्नी रोहिणी विश्वकर्मा खेत में काम करने आए थे और उनकी तीन साल की बेटी नैंसी उर्फ रीना (राशि) पास में ही खेल रही थी। शाम करीब 5.00 बजे बच्ची खेलते समय 30 फिट गहरे खुले बोरवेल में गिर गई। सूचना मिलते ही एसडीएम राहुल सिलाड़िया, एसडीओपी रघु केशरी, थाना प्रभारी संदीप दीक्षित अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू आपरेशन प्रारंभ किया। मौके पर जेसीबी से खुदाई आरंभ की गई। बोरवेल के अंदर बच्ची को आक्सीजन भी पहुंचाई गई। वहीं दूसरी ओर बोरवेल में रस्सी डालकर भी उसे निकालने की कोशिश की जा रही थी। आखिरकार कोशिश रंग लाई। बच्ची ने रस्सी को पकड़ लिया। उसे धीरे-धीरे ऊपर खींचकर सकुशल निकाल लिया गया। उसे निकालने के लिए रेस्क्यू टीम ने करीब चार घंटे कड़ी मशक्कत की और उसे बोरवेल में रस्सी की मदद से उसे बाहर निकाला गया। बच्ची के प्राथमिक इलाज के लिए मौके पर एंबुलेंस पहले से ही तैयार थी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती के लिए भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने जताई खुशी
मुख्यमंत्री चौहान ने बोरवेल में गिरी बच्ची को सकुशल निकालने पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया कि हम सबके लिए यह अत्यंत खुशी की बात है कि छतरपुर जिले के ललगुवां गांव में बोरवेल में गिरी बेटी को सकुशल निकाल लिया गया है। इसमें सहयोग करने वाले जिला प्रशासन के सभी साथियों और नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। बेटी को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। बेटी शीघ्र पूर्णतः स्वस्थ हो, यही प्रार्थना करता हूं।
उन्होंने कहा कि बेटी नैंसी (रीना) की मां से फोन पर बात की है। यह जानकर संतोष और आनंद हुआ कि बेटी स्वस्थ है। उसे जनरल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। मामा शिवराज सदैव साथ हैं। मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद बेटी के साथ हैं।
बताया गया है कि गांव के लटोरिया परिवार के खेत में रवि विश्वकर्मा और अपनी पत्नी रोहिणी व अन्य मजदूरों के साथ मटर बीनने का काम कर रहे थे। पास ही उनकी बेटी खेल रही थी। वहां एक बोर था, जो चारे से ढंका हुआ था। तभी नैंसी रेत के ढेर पर खेलते-खेलते उसमें गिर गई। उसे गिरता देख पास काम कर रहे परिजन और मजदूर दौड़े। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम और आधा दर्जन थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पांच जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई। मौके पर दो एंबुलेंस भी तैनात की गई थी। बच्ची को बाहर निकालते ही उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। कलेक्टर संदीप जी आर, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा भी मौके पर मौजूद रहे।
बच्ची के परिजन और ग्रामीण पूरे टाइम मौके पर डटे रहे। इस दौरान नैंसी की मां का रो रोकर बुरा हाल था। अधिकारी लगातार उसे ढांढस बंधाते रहे। भरोसा देते रहे कि बच्ची को जल्द ही सकुशल निकाल लिया जाएगा। और आखिरकार बच्ची को सकुशल बचा लिया गया। बिजावर सीएससी केंद्र में बच्ची राशि का परीक्षण डॉक्टर की टीम ने शुरू किया। उसके पिता रविशंकर विश्वकर्मा ने बताया कि उनकी बेटी राशि सुरक्षित है। उन्होंने शासन-प्रशासन के प्रति आभार प्रकट करते हुए खुशी जताई। (एजेंसी, हि.स.)