– लोक कला व संस्कृति को निरंतर बढ़ावा मिलेगा, मुख्यमंत्री ने की कलाकारों के हित में कई घोषणाएँ
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) लोक कला और संस्कृति को निरंतर बढ़ावा (Promotion of folk art and culture) देगी। लोक कला की परंपरा को जीवित रखना और आगे भी बढ़ाना मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार शाम को छतरपुर जिले के खजुराहो में आदिवर्त के लोकार्पण समारोह के बाद लोक कलाकार पंचायत को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने आदिवर्त संग्रहालय का लोकार्पण किया। इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, सूक्ष्म, लघु,मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कलाकारों के हित में अनेक घोषणाएँ की। उन्होंने कहा कि जो कलाकार आर्थिक रूप से कमजोर है और जिन्होंने मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है, उनको प्रतिमाह मिलने वाली वित्तीय सहायता 800 को बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाएगा। कलाकारों के दिवंगत होने पर उनके परिवार को 3500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कला के प्रदर्शन के लिए बुलाने पर अभी उन्हें प्रतिदिन मिलने वाले 800 रुपये के मानदेय को बढ़ाकर 1500 रुपये किया जाएगा। दैनिक भत्ता भी 250 से बढ़ाकर 500 रुपये किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकारों की चिंता करना मध्यप्रदेश सरकार का कर्तव्य है। कलाकारों को रोजगार मिलता रहे, इसके लिये संस्कृति विभाग सालभर कार्यक्रम करता है। हम सभी को मिलकर कला, संगीत, नृत्य की परंपरा को जीवित रखना होगा। आदिवर्त संग्रहालय को अब पूरी दुनिया देखेगी। जनजातीय कला का अब विश्व स्तरीय प्रकटीकरण होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खजुराहो में जनजातियों के रंग में रंगे नजर आए। समारोह के अंत में मुख्यमंत्री चौहान, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, प्रभारी मंत्री सखलेचा ने मंच से नीचे आकर खाट पर बैठकर कलाकारों के साथ फोटो भी खिचवाएँ तथा कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य को देखा। मुख्यमंत्री चौहान कलाकारों के साथ ढोलक और मोर पंख हाथ में लेकर जमकर थिरके।
मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश शासन के राज्य शिखर सम्मान से कलाकारों को अलंकृत भी किया। पदमश्री भूरी बाई, गोंड चित्रांकन के लिए दुर्गा बाई व्याम, बैगा नृत्य के लिए अर्जुन सिंह धुर्वे एवं जोधैया बाई, राई नृत्य को विश्वमंच पर पहचान दिलाने के लिए पदमश्री रामसहाय पांडेय को अलंकृत किया।
हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अश्विनी कुमार दुबे, संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए डा.भगवतीलाल राज पुरोहित एवं डा.विजया शर्मा, रूपंकर कला के लिए अनिल कुमार, नाटक क्षेत्र के लिए श्री प्रशांत खिड़वड़कर, जनजातीय और लोककला के क्षेत्र में योगदान के लिए सावित्री बाई बैगा, सारंगी वादन के क्षेत्र में योगदान के लिए उस्ताद मुन्ने खान को सम्मानित किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि खजुराहो कला, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच से देश के अलग-अलग स्थानों पर बैठक के जरिए स्थानीय कला, संस्कृति और परंपरा से परिचित कराने जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक खजुराहो में होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि विश्व विख्यात खजुराहो नृत्य समारोह के आयोजन का यह 49वां वर्ष है। इस नृत्य समारोह ने भी नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड हेरिटेज और आइकॉनिक सिटी खजुराहो को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा। स्थानीय नागरिकों और अधिकारी, कर्मचारियों सहित सर्व समाज के सहयोग से खजुराहो शहर को सजाने संवारने और क्लीन एवं ग्रीन खजुराहो बनाने के कार्य में योगदान के लिए सभी का अभिनंदन कर आभार जताया।
शर्मा ने कहा की मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा के परिपालन में आदिवर्त संग्रहालय लोकार्पित किया गया है। इसके माध्यम से पर्यटकों को जनजातीय समाज के रहन, सहन संस्कृति के संरक्षण के प्रयासों से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा। साथ ही उम्मीद जताई कि कला संस्कृति के संरक्षण के लिए आर्यावर्त संग्रहालय मील का पत्थर साबित होगा। शर्मा ने सभी नागरिकों को खजुराहो को सोलर सिटी बनाने का संकल्प भी दिलाया गया। (एजेंसी, हि.स.)