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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर ढाका स्थित केन्द्रीय शहीद मीनार पर करीमगंज के पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि

ढाका (बांग्लादेश)। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर मंगलवार को करीमनगर के प्रेस क्लब के सचिव के नेतृत्व में पत्रकारों के एक समूह ने ढाका स्थित शहीद मीनार पर श्रद्धांजलि दी। बांग्लादेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मंगलवार को केंद्रीय शहीद मीनार पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मंगलवार की सुबह, प्रेस क्लब के सचिव के नेतृत्व में पत्रकारों के एक समूह ने ढाका में शहीद मीनार पर माल्यार्पण और फूलों के गुलदस्ते के साथ अपना सम्मान व्यक्त किया। प्रेस क्लब करीमगंज के महासचिव अरूप राय, पत्रकार एसएम जहीर अब्बास, सुदीप दास, अजहर उद्दीन आदि इस मौके पर मौजूद रहे। प्रेस क्लब के महासचिव अरूप राय ने बताया कि कि 21 फरवरी को 71वां शहीद दिवस मनाने के लिए स्थानीय पत्रकारों के साथ ढाका स्थित केंद्रीय शहीद मीनार पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय पत्रकारों के दल ने ढाका के नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित शहीद दिवस कार्यक्रम में भी भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बंगाली आत्म-बलिदान की महिमा से जगमगाता गौरवशाली दिन है। बंगाली स्वाभिमान के इस दिन राष्ट्र उन महान भाषा शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद करता है, जिनके बलिदान से अपनी मातृभाषा बोलने का अधिकार मिला। वर्ष 1952 में सलाम, बरकत, जब्बार, रफीक, शफीउल्ला और कई अन्य लोगों ने मातृ भाषा की गरिमा की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। उनके खून के बदले में आज बंगाली भाषा बोली जाती है। बंगाली में हजारों गीत, कविताएं, नाटक, उपन्यास और अनगिनत शब्द लिखे जा रहे हैं। आज का दिन केवल उन बहादुर भाषाविदों को श्रद्धांजलि देने का है, जिन्होंने भाषा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह दिन केवल बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी हिस्सों में मनाया जाता है। बंगाली के खूनी भाषा आंदोलन की मान्यता में संयुक्त राष्ट्र के सहायक संगठन यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 से 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया था। (हि.स.)