नई दिल्ली। केंद्र सरकार का प्रयास पिछले कुछ साल से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में यह बात कही।
वित्त मंत्री सीतारमण ने पीएचडीसीसीआई सदस्यों के साथ बजट बाद यहां आयाजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से सरकार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि पर जोर रही है। पिछले तीन-चार साल से सार्वजनिक पूंजी व्यय पर खर्च को हमने इस बजट में जारी रखा है। ऐसे में यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि इस बार के केंद्रीय बजट में पूंजी व्यय पर भी जोर है।
वित्त मंत्री ने पीएचडीसीसीआई के बजट बाद इंटरएक्टिव सत्र के संबोधन में पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के सवाल पर कहा कि यदि राज्यों के बीच इस मसले पर सहमति हो, तो इस पर कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष साकेत डालमिया भी उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)