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मप्रः हैशटेग “मामाजी लाइव’’ के साथ इंस्टाग्राम पर आए मुख्यमंत्री, सवालों के दिए जवाब

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर संवाद किया। शुक्रवार को “मामाजी लाइव’’ के हैशटेग से हुए इस कार्यक्रम में आरजे अनादि और पिंकी ने मुख्यमंत्री चौहान से उनकी कार्य-प्रणाली, विभिन्न योजनाओं और जीवन-शैली के संबंध में प्रश्न किए। मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में जन-सामान्य से आए प्रश्नों के भी बहुत सहजता से उत्तर दिए। उन्होंने इंस्टाग्राम पर संवाद की शुरुआत कर सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं इस प्लेटफार्म पर नया हूँ, मेरे भांजे-भांजियाँ तो इंस्टाग्राम का पहले से ही उपयोग कर रहे हैं। इस मामले में वे मेरे गुरू हैं।

मुख्यमंत्री से किए गये प्रश्न और उनके द्वारा दिए गए उत्तर

मुख्यमंत्री से आरजे अनादि ने पूछा कि आप दिन की शुरुआत कैसे करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सुबह जल्दी उठ कर समाचार-पत्र पढ़ता हूँ, कुछ देर पैदल टहलता हूँ और योग, प्राणायाम और ध्यान करता हूँ। गाय की दो बच्छियाँ को रोटी खिलाना और पौध-रोपण करने के बाद रोजमर्रा के कार्य शुरू करता हूँ।

प्रश्न: आप युवाओं को पौध-रोपण अभियान से कैसे जोड़ रहे हैं?

मुख्यमंत्री: मेरे अकेले पौध-रोपण करने से कुछ नहीं होगा। सबकी सहभागिता जरूरी है। मैं लगातार अपील कर रहा हूँ कि अपने जन्म-दिन, विवाह वर्षगाँठ और परिजन की स्मृति में पौधे जरूर लगाए और उनकी देख-रेख भी करें। पौध-रोपण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में अंकुर अभियान संचालित है। भांजे-भांजियाँ पौध-रोपण कर अपनी फोटो अंकुर पोर्टल पर अपलोड करें और पौधे के बढ़ने के साथ निश्चित अंतराल पर फोटो भी पोर्टल पर डालते रहें।

प्रश्न: आप सभी कार्यक्रम कन्या-पूजन से आरंभ करते हैं, ऐसा क्यों?

मुख्यमंत्री: हमारे देश में कहा गया है कि जहाँ नारी की पूजा होती है, उसका सम्मान होता है, वहीं देवता निवास करते हैं। माँ-बहन, बेटी के बिना दुनिया नहीं चल सकती। कन्या-पूजन से समाज को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है। दैनिक जीवन में हम माँ-बहन बेटी का सम्मान करें और उनके साथ बेहतर व्यवहार रखें।

प्रश्न: कृपया लाड़ली बहना योजना के बारे में बताएं?

मुख्यमंत्री: “लाड़ली बहना’’ योजना महिला सशक्तिकरण का अभियान है। अगर माँ-बहन, बेटी सशक्त हैं तो परिवार सशक्त होगा। परिवार सशक्त है तो प्रदेश सशक्त होगा और प्रदेश सशक्त होगा तो देश सशक्त होगा। इसी उद्देश्य से प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई। मन में यह भाव था कि किसी को भी बेटी बोझ नहीं लगे, अपितु वह वरदान बन जाए। इसी क्रम में महिला सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना योजना आरंभ की जा रही है। महिला के पास पैसे होंगे, तो वह परिवार को सशक्त और समृद्ध करने में ही उसका उपयोग करेगी। इस योजना में गरीब, निम्न आय वर्ग के परिवारों की बहनों को एक हजार रूपये प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रश्न: मामाजी बनने का सफर कैसे आरंभ हुआ?

मुख्यमंत्री: लाड़ली लक्ष्मी योजना इस उद्देश्य से आरंभ की गई थी कि बच्ची लखपति ही पैदा हो। साथ ही बेटियों को स्कूल शिक्षा की सुविधाएँ देने की व्यवस्था की गई। इन सबका परिणाम यह रहा कि बेटियाँ कहने लगी कि ये तो हमारे मामा हैं। बेटियों के साथ बेटों और बुजुर्गों ने भी मुझे मामा कहना शुरू कर दिया, जिसके मन में बेटियों के प्रति दो-दो माँ का प्यार हो वह “मामा” है।

प्रश्न: आप युवाओं को कैसे प्रोत्साहित करते हैं?

मुख्यमंत्री: मैं स्वामी विवेकानन्द और श्रीमद् भगवद् गीता से बहुत प्रेरणा लेता हूँ। स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि जीवन में ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते हैं। आप स्वयं को आत्म-विश्वास से भर कर निश्चित लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।

प्रश्न: प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए क्या गतिविधियाँ जारी है?

मुख्यमंत्री: प्रदेश में 1 लाख 14 हजार शासकीय पदों पर भर्ती का क्रम जारी है, अशासकीय क्षेत्र में भी रोजगार प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के साथ स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए ये योजना लागू की गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख 42 हजार 500 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए गंभीरता से कार्य जारी हैं। कौशल उन्नयन के लिए विशेष गतिविधियाँ संचालित हैं। भोपाल में ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट पार्क विकसित किया जा रहा है।

प्रश्न: आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए क्या गतिविधियाँ चल रही हैं?

मुख्यमंत्री: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत का मंत्र दिया है। इसे साकार करने के लिए राज्य स्तर पर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाया गया है। इसके चार स्तंभ अधो-संरचना विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, सुशासन और अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार हैं। सभी क्षेत्रों में कार्य चल रहे हैं।

प्रश्न: आपको सर्वाधिक प्रेरणा किससे मिलती है?

मुख्यमंत्री: प्रधानमंत्री मोदी मेरे लिए सर्वाधिक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व में एक अलग स्थान बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल में दुनिया के देशों को भारत द्वारा दी गई मदद और रूस-युक्रेन युद्ध में भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालने में उनके प्रभाव से सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है।

प्रश्न: आपकी सफलता का राज क्या है?

मुख्यमंत्री: लक्ष्य निर्धारित करें। उसे प्राप्त करने का रोडमेप बनाएँ। अनुशासित रहते हुए कठोर परिश्रम के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए दीवानगी और जुनून के साथ निरंतर प्रयासरत रहे तो सफलता अवश्य मिलेगी। इच्छा-शक्ति हो तो असंभव कुछ भी नहीं है। हमें अपनो, अपने समाज, देश-प्रदेश के लिए समर्पित भाव से कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

प्रश्न: अगले 5 साल की क्या योजना है?

मुख्यमंत्री: हम राज्य को एक कदम और आगे ले जाएंगे। अधो-संरचना का विस्तार, एयरपोर्ट, मेट्रो, रोप-वे, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, नगरों और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास होगा। स्टार्टअप के साथ स्किल्ड मेनपॉवर को प्रोत्साहित किया जाएगा। हम ज्ञान के बल पर दुनिया पर राज कर सकते हैं। इसी उद्देश्य से प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लिए अग्रसर होंगे।

व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्हें परिचय फिल्म सर्वाधिक प्रिय है। संजीव कुमार और जया भादुड़ी उनके पसंदीदा कलाकार हैं। यात्रा के दौरान गाने सुनना उन्हें अच्छा लगता है। कुर्ते-पायजामे के अलावा शर्ट-पेंट और टी-शर्ट भी पहनते हैं। बचपन के खेल आति-पाति को अभी तक याद करते हैं। पसंदीदा गीतों में मन्ना डे का गीत “कोरी चुनरिया आत्मा मोरी”, किशोर कुमार का गीत “रूक जाना नहीं, तू कभी हार के” और मुकेश का गीत “ए भाई जरा देख कर चलो” विशेष रूप से पसंद हैं। (एजेंसी, हि.स.)