इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) की खराब आर्थिक हालत (Bad economic condition) के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चिंता बढ़ा दी है। आईएमएफ ने पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर चिंता जताई है। इसके चलते नकदी के संकट से जूझ रही शहबाज शरीफ सरकार के कड़े आर्थिक फैसलों का विरोधी दल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए विरोध कर सकते हैं। यह आशंका आईएमएफ के मिशन चीफ नाथन पोर्टर के नेतृत्व में पाकिस्तान आए दल की मंगलवार को वित्त मंत्री इशाक डार के साथ बैठक के दौरान पैदा हुई।
हालांकि, डार ने आईएमएफ दल को आश्वस्त किया कि सरकार राजनीतिक दलों से बातचीत करके कड़े निर्णयों का विरोध न करने के लिए उन्हें सहमत कर लेगी। आईएमएफ का दल 10 दिन तक पाकिस्तान में रहकर कर्ज देने की स्थितियों की समीक्षा करेगा, वह देखेगा कि पाकिस्तान सरकार किस तरह से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती है। इस दल की रिपोर्ट के बाद ही आईएमएफ कर्ज की 1.18 अरब डालर की पहली किस्त जारी करेगा।
बता दें कि आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के साथ सात अरब डालर का कर्ज देने का समझौता किया है, लेकिन यह कर्ज पाने के लिए सरकार को आर्थिक दशा सुधारने के लिए कड़े निर्णय लेने होंगे। चीन और सऊदी अरब से कर्ज न मिलने पर ही पाकिस्तान सरकार 2019 में आईएमएफ से हुए समझौते को लागू करने के लिए तैयार हुई है।
आईएमएफ के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार जल्द ही कुछ वर्गों को मिलने वाली बिजली बिलों में छूट की सुविधा को खत्म कर सकती है। पाकिस्तान के निर्यात करने वाली उद्योगों को भी यह छूट मिलती है। इसके अतिरिक्त सरकार और सेना के अनावश्यक खर्चों में भी कटौती की जा सकती है। (एजेंसी, हि.स.)