हाल ही में अवामी लीग परिषद का सत्र (कार्यकारिणी बैठक) आयोजित किया गया था। इस दौरान हुए सांगठनिक चुनाव में पार्टी प्रमुख शेख हसीना ने पुराने विश्वस्तों के साथ कुछ ऐसे नए चेहरों को संगठन की जिम्मेदारियां दी हैं जो साफ-सुथरी और ईमानदार छवि के नेता माने जाते हैं।
दूसरी तरफ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) यह तय नहीं कर पा रही है कि शेख हसीना सरकार के नेतृत्व में होने वाले चुनाव में शिरकत करना चाहिये या नहीं। इस मुद्दे पर पार्टी में दो मत हैं। एक पक्ष का दावा है कि शेख हसीना के नेतृत्व में चुनाव में जाना व्यर्थ है, क्योंकि उनके कार्यकाल में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता। सूत्रों के अनुसार लंदन में रह रहे बीएनपी नेता तारिक रहमान भी इसी मत का समर्थन कर रहे हैं।
दूसरी ओर, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और पार्टी के अन्य नेताओं को लगता है कि चुनाव में भाग नहीं लेने के कारण बीएनपी व्यावहारिक तौर पर अलग-थलग पड़ती जा रही है। बीएनपी चुनाव केंद्रित पार्टी है। नेतृत्व को उन नेताओं को सम्मान देना चाहिए जो जनता का प्रतिनिधित्व करने में रुचि रखते हैं। इस उहापोह के बीच बीएनपी चुनाव में जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है।
इस बीच, अवामी लीग नेतृत्व ने छोटे गठबंधन सहयोगियों के साथ समझौते को मजबूत करने के लिए हाल ही में अपने 13 सहयोगी दलों के साथ बैठक की है। अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने भारत से आए पत्रकारों के समक्ष दावा किया कि कई नई पार्टियां अवामी लीग के साथ हाथ मिलाने के इच्छुक हैं। इससे साबित होता है कि अवामी लीग फिर से चुनाव जीतने जा रही है।
उधर, कादर सिद्दिकी के नेतृत्व में कुछ छोटी इस्लामी पार्टियों ने पहले ही अवामी लीग नेतृत्व से संपर्क कर चुनावी समझौते की पेशकश कर रखी है। कादर ने कहा कि अवामी लीग नेतृत्व ऐसे प्रस्तावों को काफी महत्व दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले सालों में बांग्लादेश का राजनीतिक समीकरण काफी हद तक बदलने की उम्मीद है।(हि.स.)