– ट्रैक किनारे खंभे लगाते वक्त आ गई ट्रेन, डाउन लाइन प्रभावित, जहां-तहां खड़ी हो गई अन्य ट्रेनें
मीरजापुर (Mirzapur)। नई दिल्ली से सियालदह को जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस (New Delhi-Sealdah Rajdhani Express) (12314) झिंगुरा स्टेशन (Jhingura Station) के पास शुक्रवार शाम एक क्रेन से टकरा गई। इससे घटनास्थल पर अफरा तफरी मच गई। साथ ही ओवरहेड इक्वेपमेंट (ओएचई) के तीन खंभे टूटकर धराशायी हो गए। हालांकि किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन डाउन लाइन से आने वाली ट्रेनें प्रभावित (Down line trains affected) हो गईं। हादसे की जानकारी होते ही स्थानीय अधिकारियों के साथ आरपीएफ और जीआरपी के साथ प्रयागराज मंडल की टीम घटनास्थल पहुंची। अधिकारियों के अनुसार ट्रैक किनारे खंभा लगाने के लिए ब्लाक लिया गया था।
नई दिल्ली से सियालदह को जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस शाम पांच बजे के लगभग डाउन की लाइन से अपनी रफ्तार में पीडीडीयू जंक्शन की तरफ जा रही थी। झिंगुरा स्टेशन के डाउन होम सिग्नल किमी 727/17 के पास ट्रेन पहुंची तो जेसीबी से ओएचई के खंभे को खड़ा किया जा रहा था। इसी दौरान के्रन के आगे का झूलता हुआ हिस्सा अनियंत्रित होकर रफ्तार से दौड़ रही राजधानी एक्सप्रेस के इंजन से टकरा गया। इंजन के आगे के शीशे के साथ उसके आगे लगी लोहे की जाली पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, हालांकि ट्रेन और क्रेन के चालक बाल-बाल बच गए। दुर्घटना के बाद अलर्ट करने वाली सायरन तेजी के साथ आवाज देने लगी। सायरन की आवाज सुनते ही स्थानीय रेल अधिकारी और कर्मचारियों में खलबली मच गई। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही आरपीएफ प्रभारी दिनेश कुमार, एसआइ संदीप कुमार, इंजीनियरिंग, सिग्नल एंड टेलीकाम से जेई रविरंजन, प्रेमचंद, मनभावन, पीडब्ल्यूआई जीसी शुक्ला, सीएमआइ एसके अकेला, एसएस झिंगुरा, टीआइ मनीष कुमार, एडीईएन चुनार, एडीआरडी प्रकाश तिवारी, जेपी मिश्रा आदि की टीम मौके पर पहुंची। घटना के बाद राजधानी एक्सप्रेस भी खड़ी हो गई है और इंजन के आगे क्षतिग्रस्त शीशे व जालियों की मरम्मत करने का काम जारी है।
पीआरओ एनसीआर प्रयागराज अमित कुमार सिंह ने बताया कि हादसे में किसी को चोट नहीं लगी है। मामले की जांच संरक्षा विभाग की तरफ से कराई जा रही है। जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नहीं होती लोहे जाली तो हो जाता बड़ा हादसा
राजधानी एक्सप्रेस के इंजन के सामने अगर लोहे की जाली नहीं होती तो इंजन के अंदर बैठे दो चालक के साथ बड़ा हादसा हो जाता। हालांकि संयोग था कि दोनों लोग बाल-बाल बच गए। सिर्फ जाली व शीशे ही क्षतिग्रस्त हुए।
जहां-तहां खड़ी हो गईं अन्य ट्रेनें
हादसे के बाद इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनें जहां-तहां खड़ी हो गई। मगध एक्सप्रेस 20802, पुरषोत्तम एक्सप्रेस 12802, क्षिप्रा एक्सप्रेस 22911, सीमांचल एक्सप्रेस 12488, जोधपुर-हावड़ा 12308, नेताजी एक्सप्रेस 12312, सम्भलपुर एक्सप्रेस 18310, जनता एक्सप्रेस, सीमांचल एक्सप्रेस समेत दर्जनभर ट्रेनों को रोक दिया गया। मगध एक्सप्रेस मीरजापुर और मालगाड़ी विंध्याचल स्टेशन पर खड़ी हो गई।
डीएफसी से गुजारी जा रही ट्रेनें, मीरजापुर की बजाय रुकेंगी चुनार
हादसे के बाद डाउन लाइन प्रभावित हो गई और इस ट्रैक से गुजरने वाली अन्य ट्रेनें जहां-तहां खड़ी हो गईं। नई दिल्ली से भुवनेश्वर को जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस 22824, जोधपुर हावड़ा 12308 और जोगबनी एक्सप्रेस 22488 ट्रेन डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) की बनी नई लाइन से प्रयागराज स्टेशन से रवाना हुई। पीआरओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि डीएफसी से जाने वाली सभी डाउन लाइन की ट्रेनें मीरजापुर की बजाय चुनार स्टेशन पर रुकेंगी।
रेलवे स्टेशन पर पसरा रहा अंधेरा
ओएचई का खंभा गिरने के कारण स्टेशन पर अंधेरा पसरा रहा और ट्रेनों का संचालन भी नहीं हो रहा था। हालांकि जेनरेटर, सौर उर्जा और इन्वर्टर के माध्यम से टिकट काउंटर का संचालन किया जा रहा है और अन्य व्यस्थाएं दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
जांच में जुटी संरक्षा विभाग की टीम
हादसे की जांच के लिए संरक्षा विभाग की टीम मौके पर है। यह हादसा कैसे हुआ और किसकी लापरवाही से हुआ इन सभी पहलुओं पर तथ्य जुटाए जा रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)