Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Covid-19: डब्‍ल्‍यूएचओ ने उच्च संक्रमण वाले देशों के यात्रियों को मास्क पहनने की दी सलाह

वाशिंगटन (Washington) । दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन (omicron) के सब-वैरिएंट XBB.1.5 का प्रसार तेजी से हो रहा है। विशेष तौर पर यह वैरिएंट संयुक्त राज्य अमेरिका में धीरे-धीरे अपना असर दिखा रहा है, जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपील की है कि वे ऐसे देश जहां कोरोना संक्रमण (corona infection) का प्रकोप ज्यादा है, वहां की यात्रा करने वाले अपने यात्रियों को मास्क (mask) पहनने की सलाह दें।

डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी – कैथरीन स्मॉलवुड ने मंगलवार को कहा, लंबी दूरी व उच्च जोखिम वाली जगहों पर जाने वाले यात्रियों को मास्क पहनने की सलाह दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, देशों को यात्रा से पूर्व परीक्षण को साक्ष्य के तौर पर रखने की जरूरत है और यदि कार्रवाई पर विचार किया जाता है, तो यात्रा उपायों को गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

अमेरिका में 27.6% संक्रमण के लिए XBB.1.5 जिम्मेदार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने बताया ओमिक्रॉन वैरिएंट XBB.1.5 अत्यधिक ट्रांसमिसिबल है और रविवार तक संयुक्त राज्य अमेरिका में यह कोरोना के 27.6 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। अधिकारियों ने बताया, यूरोप के कई देशों में भी सबवैरिएंट का पता चला है।

भारत में संक्रमण में वृद्धि की संभावना नहीं
कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने मंगलवार को कहा कि देश में वायरस बहुत है लेकिन इसकी उतनी तीव्रता नहीं है। हमने जीनोमिक मॉनिटरिंग बढ़ा दी है और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। हमने जो कुछ भी पाया है, उसका मतलब यह नहीं है कि हमें कोई नया वेरिएंट मिला है।

अरोड़ा ने आगे कहा, सीवेज नमूने भी लिए गए हैं लेकिन हमें आने वाले हफ्तों में किसी नए वेरिएंट या कोविड वृद्धि की कोई संभावना नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, भारत में हम जो ओमिक्रॉन वेरिएंट देख रहे हैं, उसे दुनिया के किसी भी हिस्से में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, कोविड वेरिएंट्स पैर जमाने या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन पाए हैं। घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें यूरोपीय, उत्तरी अमेरिकी और पूर्वी एशियाई देशों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।