केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया देख रही है कि विश्व की सर्वोच्च आईटी कम्पनियों में उच्च पदों पर भारतीय कार्यरत हैं। अन्य देशों की तुलना में भारतीय उत्पाद बेहतर गुणवत्ता एवं सस्ते मूल्य के लिए जाने जाते हैं। प्रधान ने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला के अनुरूप कार्य करने में भारतीय आगे हैं और पूरे विश्व में उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण में सबसे ज्यादा भारतीय जुड़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी कार्य-कुशलता, ईमानदारी और कार्य के प्रति समर्पण है। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश में लगभग 200 मिलियन छात्र शोध-कार्य और स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। भारत लगातार कुशल बन रहा है, जो वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर पूरे विश्व के बेहतर कल के लिए कार्य करेगा।
प्रधान ने कहा कि प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। टेक्नोलॉजी के कारण आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक बदलाव हो रहा है। भारत का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में स्वदेशी 5जी की शुरूआत हो गई है। भारत पहले अमेरिका से निम्नतम गुणवत्ता के अनाज आयात करता था, आज 40 देशों को अनाज का निर्यात करता है। साथ ही पूरे विश्व ने देखा और माना है कि वैश्विक महामारी के दौरान मानवता की रक्षा के लिए भारत ने कई देशों को दवाइयाँ एवं वैक्सीन मुहैया कराई। उन्होंने कहा कि भारत अपनी क्षमता को बेहतर बना कर वैश्विक आवश्यकता के अनुसार कार्य करेगा। इसमें प्रवासी भारतीय अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मॉरिशस की सोशल इंटीग्रेशन, सोशल सिक्योरिटी एवं नेशनल सॉलि मंत्री फजीला जीवा दोरियावू ने कहा कि मॉरिशस की अर्थव्यवस्था में भारतीय कार्यबल का महत्वपूर्ण योगदान है। मॉरिशस के 70 प्रतिशत नागरिकों की जड़ें भारत से जुड़ी हैं, भारत उनका दूसरा घर है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन एक अच्छा अवसर है, जहां सारे प्रवासियों को मिलकर अपने सुझाव एवं विचार व्यक्त करने का मौका मिला। लुलू ग्रुप के सीएमडी एम.ए. युसूफ अली ने कहा कि हमारा तन, मन और धन हिन्दुस्तान के लिए है। प्रवासी भारतीयों की भूमिका युवाओं को रोजगार देने में महत्वपूर्ण होगी।
ऑस्ट्रेलिया की मल्टी कोनेक्सीओन ग्रुप की सीईओ शीबा नांदेकेलीयोर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों की संख्या बढ़ रही है। युवा कार्यबल की प्रतिभा और संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों की संख्या बढ़ रही है। भारतीय प्रवासियों ने न सिर्फ विकास किया बल्कि उनके योगदान के लिये उनकी सराहना भी हुई है।
एसबीआई ग्रुप जापान के सदस्य संजीव सिन्हा ने कहा कि जापान में आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से 400 मिलियन डॉलर का निवेश कर आईआईटी बनाया जा रहा है। इराम ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सिद्दीक अहमद ने कहा कि एक ऐसे वेब पोर्टल की शुरूआत की जाए जहां पुराने अनुभवी लोग जॉब, कम्पनी, प्लेसमेंट की जानकारी दें। कम्पनीज को भी सदस्य बनाया जाए जिससे जॉब देने वाले और काम पाने वाले दोनों की जानकारी मिल सके। (हि.स.)