सबसे पहले सोलन से विधायक धनीराम शांडिल को शपथ दिलाई गई। उनके बाद ज्वाली के विधायक चन्द्र कुमार, फिर शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी, जुब्बल कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर, कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह और सबसे आखिर में शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। विक्रमादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के पुत्र हैं। हर्षवर्धन और जगत सिंह ने अंग्रेजी, बाकी ने हिंदी में शपथ ली।
मंत्रिमंडल विस्तार में वरिष्ठता और अनुभव के साथ युवा चेहरों को तरजीह दी गई है। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को भी साधा गया है। सुक्खू मंत्रिमंडल में 82 वर्षीय धनीराम शांडिल सबसे उम्रदराज और 33 वर्षीय विक्रमादित्य सिंह सबसे युवा मंत्री हैं। धनीराम शांडिल और चन्द्र कुमार को छोड़कर अन्य पांच विधायक पहली बार मंत्री बने हैं। धनीराम शांडिल और चन्द्र कुमार पूर्व वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे हैं। सुक्खू मंत्रिमंडल में अधिकतम 10 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अभी मंत्रिपरिषद में तीन पद रिक्त हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में शिमला संसदीय क्षेत्र से पांच, कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से एक-एक मंत्री बने हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कोई भी मंत्री नहीं बनाया गया है। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं।
प्रदेश में कांग्रेस के सत्तासीन होने के लगभग एक माह बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार से एक घंटा पहले सुक्खू सरकार ने छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया है। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा चुनाव के 08 दिसम्बर 2022 को घोषित नतीजों में कांग्रेस 40 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज हुई है। भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर 11 दिसंबर, 2022 को शपथ ली थी।(हि.स.)