अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए हुए मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने 212 के मुकाबले 222 सीटें जीत ली थीं। इसके बाद प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के स्थान पर नया अध्यक्ष चुनने के लिए पिछले छह दिन से घमासान चल रहा था। अंतत: 15वें दौर के मतदान के बाद रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैक्कार्थी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष बनने में कामयाब हुए। 57 वर्षीय मैक्कार्थी ने डेमेक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी 52 वर्षीय हकीम जेफरी को हराया। मैक्कार्थी को 216 और जेफरी को 212 वोट मिले। मैक्कार्थी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के 55वें अध्यक्ष होंगे।
इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी के विभिन्न गुट केविन मैकार्थी के पीछे एकजुटता दिखाने में असमर्थ दिख रहे थे। शुरुआती पांच दिनों में 12 दौर का मतदान होने के बावजूद प्रतिनिधि सभा का नया अध्यक्ष नहीं चुना जा सका था। इस दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम उस समय चर्चा में आया, जब 430 से अधिक सांसदों में से एक फ्लोरिडा के रिपब्लिकन सांसद मैट गेट्ज ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव किया। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पद पर चुनाव की 10 कोशिशें विफल हो जाने के बाद 11वें दौर के मतदान में मैट गेट्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में नामित किया। इससे पहले गेट्स ने सातवें और आठवें चक्र के मतदान में डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में मतदान किया था। बाद में 11वें दौर तक चुनाव प्रक्रिया पहुंचने पर उन्होंने ट्रंप को औपचारिक रूप से नामित कर दिया। इस चुनाव में पूरा सदन उस समय ठहाके मार कर हंस पड़ा, जब ट्रंप को सिर्फ एक वोट मिलने की घोषणा हुई।
बाद में मैट गेट्स ने 14वें और 15वें दौर में केविन मैक्कार्थी के पक्ष में वोट देने से इनकार कर दिया और केविन मैक्कार्थी के अपने वोट को पेश करने के लिए स्थानांतरित कर दिया। इस दौरान पांच अन्य सांसदों ने भी ऐसा ही किया। 14 वें दौर की गिनती के दौरान केविन मैक्कार्थी और गेट्स के समर्थकों के बीच आपस में कहासुनी भी हुई। केवल 12वें और 13वें दौर में एक दर्जन से अधिक सांसदों ने अपना वोट बदल लिया था। अमेरिकी संसद के निचले सदन का मुखिया चुनने की यह दौड़ पिछले 164 वर्षों में सबसे लंबी मानी जा रही है।(हि.स.)