Friday, November 22"खबर जो असर करे"

कैट और अन्य संगठनों ने उठाई नई ई-कॉमर्स नीति लाने की मांग

– ई-कॉमर्स स्टेकहोल्डर्स ने जारी किया ‘दिल्ली घोषणा’ चार्टर

नई दिल्ली (new Delhi)। कारोबारी संगठन (Trade Organization ) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders- CAIT) और अन्य संगठनों ने नई ई-कॉमर्स नीति (New E-Commerce Policy) तत्काल लाने की मांग की है। नई दिल्ली में बुधवार को ई-कॉमर्स पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में कारोबारी संगठनों ने यह मांग करते हुए ‘दिल्ली घोषणा’ चार्टर जारी किया है।

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश का ई-कॉमर्स क्षेत्र बेलगाम हो गया है। इस क्षेत्र के लिए एक नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए। कारोबारी संगठनों ने 5 सूत्री घोषणा पत्र जारी करते हुए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से घरेलू व्यापारियों को विदेशी कंपनियों के चंगुल से बचाने की जोरदार मांग की गई।

खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति में अनिवार्य रूप से कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों को अवश्य शामिल किया जाए। इसमें विदेशी या भारतीय ई-पोर्टल पर उससे संबंधित कंपनियां पंजीकृत नहीं होनी चाहिए। ई-पोर्टल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी विक्रेता के भंडारण को नियंत्रित नहीं करेंगे। ई-पोर्टल को अपने पंजीकृत विक्रेताओं के लिए थोक विक्रेता के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए। ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने ब्रांड का माल अपने ही पोर्टल पर बेचने की आजादी नहीं होनी चाहिए।

कैट के साथ ही परिवहन, लघु उद्योग, होटल और रेस्तरां, यात्रा, मोबाइल, एफएमसीजी और अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय संगठनों ने दिल्ली में आज ई-कॉमर्स पर सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में सभी संगठनों ने ‘भारत बचाओ–व्यापार बचाओ मंच’ का गठन किया है, जो देशभर में फैले महासंघों, उद्योग निकायों और अन्य प्रमुख संगठनों से संपर्क कर समर्थन जुटाएगा। इन संगठनों ने कहा कि ई-कॉमर्स और घरेलू व्यापार के मुद्दे पर व्यापारी अब चुप नहीं बैठेंगे और जब तक सरकारें उनकी मांगे नहीं मानेंगी, तब तक देशभर में एक बड़ा आंदोलन जारी रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)