Friday, November 22"खबर जो असर करे"

वैश्विक दबाव और मुनाफावसूली के कारण लुढ़का बाजार

नई दिल्ली। वैश्विक दबाव की वजह से घरेलू शेयर बाजार आज साल की पहली गिरावट का शिकार हो गया। सपाट शुरुआत करने के बाद शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई। माना जा रहा है कि ग्लोबल लेवल पर इकोनॉमी को लेकर बढ़ी हुई चिंता और निवेशकों की ओर से की गई तेज मुनाफावसूली के कारण घरेलू शेयर बाजार में आज तेज गिरावट का रुख बना।

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक वैश्विक स्तर पर निवेशकों की नजर फिलहाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक से जुड़ी जानकारी पर टिकी हुई है। इस बैठक से जुड़ी जानकारी भारतीय समय के मुताबिक आज देर रात तक आने की उम्मीद है। बैठक में हुई बातचीत के निहितार्थ से साल 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख का अंदाजा लग सकेगा।

धामी के मुताबिक इसके पहले 13 और 14 दिसंबर को हुई बैठक के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। उसी बैठक में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने साल 2023 में भी महंगाई का मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का संकेत दिया था। हालांकि बाद में आए महंगाई के आंकड़ों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को राहत मिलने के आसार बनते नजर आए। इसके बावजूद एफओएमसी की इस बैठक में ब्याज दरों को लेकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक क्या रुख अपनाता है, इसको लेकर निवेशकों में चिंता का माहौल बना हुआ है।

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक एफओएमसी की बैठक को लेकर बनी चिंता के साथ ही वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट आने की एक बड़ी वजह वॉल स्ट्रीट के पहले दिन के ही कारोबार में गिरावट आना भी रहा है। वॉल स्ट्रीट के तीनों प्रमुख इंडेक्स नैस्डेक, डाओ जोंस और एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 3 जनवरी के अपने कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ कारोबार किया। अमेरिकी बाजार के 11 प्रमुख सेक्टरों में 6 सेक्टर कमजोरी के साथ लाल निशान में बंद हुए। अमेरिकी बाजार में आई इस मंदी की वजह से भी वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों के कामकाज में आज दबाव का रुख बना रहा।

इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा दुनिया के बड़े हिस्से में आर्थिक मंदी आने की चेतावनी ने भी दुनिया भर के शेयर बाजारों के कारोबार पर आज असर डाला। भारतीय शेयर बाजार भी इस चेतावनी से अछूता नहीं रह सका। उल्लेखनीय है कि आईएमएफ चीफ क्रिस्टालीना जॉर्जीवा ने दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक मंदी आने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा है कि आर्थिक असमानता की वजह से जो देश आर्थिक आंकड़ों में मंदी की चपेट में आने से बच भी जाएंगे, उनमें भी मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी मंदी के दुष्परिणामों का सामना कर सकती है।

एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में क्रिस्टालीना जॉर्जीवा ने कहा है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन समेत चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार इस साल धीमी पड़ सकती है, जिससे दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस इंटरव्यू के बाद से ही शेयर बाजार के निवेशकों में घबराहट का माहौल बना हुआ है।

बताया जा रहा है कि वैश्विक स्तर की इन चिंताओं के साथ ही घरेलू बाजार में मुनाफावसूली की वजह से भी आज दबाव की स्थिति बन गई। इसकी वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। जानकारों का कहना है कि निफ्टी फिलहाल 18,400 अंक के स्तर पर कड़े प्रतिरोध का सामना कर रहा है। वहीं 18,020 से लेकर 18,080 अंक के स्तर पर इस सूचकांक को बेहतर सपोर्ट मिला हुआ है लेकिन अगर मुनाफावसूली का दबाव बढ़ा और निफ्टी ने 18,020 अंक के स्तर को भी तोड़ दिया तो आने वाले दिनों में ये सूचकांक गिरकर 17,800 अंक तक भी पहुंच सकता है। (एजेंसी, हि.स.)