Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

हवा से बिजली बनाने के मॉडल को मिला प्रथम स्थान

बैतूल। न्यू जनरेशन में साइंस और टेक्रालॉजी को लेकर कितनी रूचि है इसका अंदाजा विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए एक से बढ़कर एक मॉडल को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। किसी ने बिना तार के ब्लूटूथ से स्पीकर बजा दिया तो किसी ने हवा से बिजली बनाकर दिखाई दी। आधुनिक तकनीक से लैस विज्ञान मेले में विद्यार्थियों द्वारा जब मॉडल प्रस्तुत किए तो हर कोई देखने वाला दंग रह गया। यह मॉडल अग्रसेन स्कूल के कक्षा 12वीं के छात्र अभय धोटे, आदर्श धोटे, काजल चौहान, श्रीकांत यादव और आकांक्षा पवार ने यह मॉडल बनाया।
इनके सहयोग से आयोजित हुआ मेला
यह मेला सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी के सहयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद द्वारा आयोजित किया गया। मेले में 6 स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। मेले के दूसरे दिन बच्चों को साइंस गेम्स खिलाए तथा साइंस फिल्में दिखाई गईं। क्विज कॉम्पीटन के लिए बच्चों की टीमें बनाईं गईं हैं और वैज्ञानिक व्यवहार और ज्ञान पर आधारित रोचक प्रश्नोत्तर हुए। इनमें विजेता टीमों को पुरस्कार दिए गए।
साइंस कम्युनिकेटर बने बच्चे
पहले दिन बच्चों को विज्ञान पर आधारित जो प्रयोग सिखाए गए थे, आज वही प्रयोग बच्चों ने दूसरे बच्चों करके दिखाए और उनके पीछे का विज्ञान समझाया। इन बच्चों को साइंस कम्युनिकेटर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। एक्सीलेंस स्कूल के छात्र हिमांशु साहू ने चुंबक और उसकी गति के प्रयोग दिखाए जबकि इसी स्कूल के हर्ष अतुलकर ने पृष्ठ तनाव तथा अथर्व राठौर ने ध्वनि की यात्रा समझाई। ओम थाड़े ने एक ही आईने में अलग-अलग प्रतिबिंब बनाकर दिखाए।
किसने क्या कहा?
जिला विधिक अधिकारी मिथलेश डेहरिया ने मेले में आए बच्चों को संबोधित करते हुए कहा विज्ञान की बातों को जब प्रेक्टिकल के द्वारा समझते हैं, तब वे हमें आसानी से समझ में आती हैं। उन्होंने कहा कि विधिक और वैज्ञानिक जागरूकता तथा दृष्टिकोण अपनाने से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी के सचिव डॉ. अनिल सिरवैयां ने कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 45 ए (एच) नागरिकों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपेक्षा करता है। विज्ञान मेले जैसे आयोजन संविधान की इस मूल भावना को साकार करने का प्रयास हैं।
आकर्षण का केन्द्र रहे ये मॉडल
सेटेलाइट कम्युनिकेशन मॉडल – कक्षा 11वीं की छात्रा आंचल, कुमकुम, गुनगुन विमला, एक्सीलेंस स्कूल
मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलना – कक्षा 11वीं के अभिषेक पटेन, उदित पांसे और चि़त्रांश टिकने, एक्सीलेंस स्कूल
टेक्नोलॉजी पर आधारित फ्यूचर ड्रीम सिटी मॉडल- दीक्षा विश्वकर्मा, नेहा उईके, माइंसआई स्कूल
शहरी और ग्रामीण जीवन में संतुलन बनाना – कक्षा 8वीं चारू यादव, तमन्ना, जया, निधि और निष्ठा, अग्रसेन स्कूल