Friday, November 22"खबर जो असर करे"

अंतरराष्ट्रीय वन मेले में शामिल हुई रवीना टंडन, बोलीं- मप्र मेरा मायका

भोपाल। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन (actress raveena tandon) ने कहा कि हमने कबूतर, बंदर, चमगादड़ और बहुत उल्लू पाले हैं। अगर हमें इस धरती पर रहने का हक है, तो जानवरों और परिंदों (animals and birds) का भी बराबर हक है। उनका ये हक हम इंसान उनसे नहीं छीन सकते। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) मेरा मायका है।

रवीना टंडन भोपाल के लाल परेड मैचान पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय वन मेले में गुरुवार शाम को लघु वनोपज संघ द्वारा वनोपज से आत्म-निर्भरता की थीम पर आयोजित दो दिवसीय कॉफ्रेंस को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर वन मंत्री कुंअर विजय शाह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में रवीना टंडन से अधिकारियों ने सवाल भी पूछे।

रवीना टंडन ने कहा कि हमारी मां के पास घोंसला था। उसमें तोते का बच्चा था। मां ने उसे रखा। इसके अलावा हमने बहुत सारे रेस्क्यू में काम किया है। मुझे याद है कि एक बार चमकादड़ का बच्चा गिर गया था। हम उसे कंबल में लपेटकर ले गए थे। एक बंदर मदारी के यहां से भागकर हमारे यहां घुस गया था। वो होता है ना कि आप जो चाहते हो, तो पूरा अंतरिक्ष करता है ना कि आप उसे संभाल लेंगे।

उन्होंने कहा कि हमने कबूतर, बंदर, चमकादड़ और बहुत से उल्लू पाले हैं। मैं सोशल मीडिया पर फोटोज भी शेयर करती रहती हूं। भगवान ने इस धरती पर हर प्राणी, पशु, पक्षी को किसी कारण से बनाया है। किसी का वेस्टेज नहीं है। चाहे वो चींटी हो या हाथी, हर किसी को किसी न किसी काम के लिए बनाया है। अगर हमें इस धरती पर रहने का हक है, तो उनका भी हक है। हम इंसान उनका ये हक नहीं छीन सकते।

रवीना ने कहा कि हर जगह के लिए डेवलपमेंट जरूरी है। उतना ही जरूरी वाइल्ड लाइफ और प्रकृति भी है। पर्यावरण और विकास दोनों को मिलकर काम करना चाहिए। दूसरे प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश में ये अच्छी तरह निभाया जा रहा है।
मंच पर रवीना टंडन ने अपने नाम का भी अर्थ बताया। ये भी बताया कि ये नाम कैसे पड़ा। रवीना ने कहा कि पिता का नाम रवि टंडन है। मां का नाम वीना टंडन है। जब मैं छोटी थी, तो माता-पिता ने सोचा था कि रवि और वीना का मिलाप से रवीना है। पापा तो सूरज हुए ही, उनकी किरणें मैं ही हूं। रवीना ने कहा कि मध्यप्रदेश से हमारा रिश्ता रहा है। मैं बार-बार जरूर आउंगी। हमारे पापा, दादा मध्यप्रदेश के हैं। मैं अपने भाई को यहां छोड़ गई थी, भोपाल मेरा मायका है।

कबीर कैफे की प्रस्तुति के दौरान मौजूद रहीं
रवीना टंडन कबीर कैफे की प्रस्तुति के दौरान मौजूद रहीं। रात में यह प्रस्तुति हुई। गुरुवार को ही इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें विभिन्न स्कूल के विद्यार्थी शामिल हुए। शाम 4 से 6 बजे तक सम्राट म्यूजिकल ग्रुप आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति दी। (एजेंसी, हि.स.)