– अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से पास करके लोकसभा को लौटा दिया गया
नई दिल्ली। राज्यसभा (Rajya Sabha) ने बुधवार को अनुदान की अनुपूरक मांगों (supplementary demands for grants) को लेकर चर्चा हुई। सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अतिरिक्त खर्च करने की अनुमति (allow additional spending) मिल गई है। संसद ने चालू वित्त वर्ष के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये के अनुदान (Grants of Rs 3.25 lakh crore) की अनुपूरक मांगों को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों को लोकसभा में वापस भेज दिया है।
राज्यसभा ने बुधवार को अनुदान की अनुपूरक मांगों को लेकर चर्चा हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से पास करके लोकसभा को लौटा दिया गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। सीतारमण ने अतिरिक्त अनुदान मांगों पर कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगें खाद्य सुरक्षा, उर्वरक की जरूरत और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हैं।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बैंकों का गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) पिछले छह साल में सबसे कम है। सीतारमण ने बताया कि बैंकों का एनपीए मार्च, 2022 में 5.9 फीसदी रही, जो पिछले 6 साल में सबसे कम हैं। उन्होंने राज्यसभा में यह भी कहा कि भारत में उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी अनुकूल नीतियों के कारण निजी निवेश बढ़ रहा है।
सीतारमण ने महंगाई के मुद्दे पर कहा कि कोरोना महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए सरकार की लक्षित पहल ने मंदी की राह पर गए बिना अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बहाल रखने में मदद की है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर लगातार नजर रख रहे हैं, जो ईंधन और उर्वरक की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे बाहरी कारकों के कारण है। राज्यसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि थोक महंगाई दर 21 महीने के निचले लेवल पर आ गई है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.88 फीसदी पर आ चुकी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार अनुपूरक मांगें लेकर आई है, जो बजट अनुमान के मात्र आठ फीसदी के बराबर है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स कलेक्शन में जबरदस्त तेजी के चलते सरकार को अतिरिक्त खर्च को पूरा करने में मदद मिलेगी। (एजेंसी, हि.स.)