भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमनलाथ (former chief minister kamanlath) ने राज्य सरकार (state government) पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं (congress workers) को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि शिवराज सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनैतिक आधार पर उत्पीड़न कर रही है। झूठे प्रकरणों में एफआईआर की जा रही है। थानों और जेलों में भी उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं। पूरे प्रदेश के साथ सागर जिले के सुरखी, खुरई, रहली, और दतिया जिलें में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दबाव बनाने की राजनीति के तहत सर्वाधिक मामले सामने आये हैं।
उन्होंने कहा कि गत दिनों संपन्न निकाय चुनावों में उक्त स्थानों के भाजपा नेताओं के दबाव में कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं के मकान, दुकान और ढाबे भी ढहा दिये गये हैं, उनके चार पहिया वाहनों को भी बुलडोजरों और जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया, जिन्होंने इनके समर्थकों के खिलाफ चुनाव लड़ा या भारत जोड़ों यात्रा में शामिल हुये।
इस दौरान उन्होंने भूपेन्द्र सिंह के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की 15 महीने की सरकार में उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने भूपेन्द्र सिंह का बंगला सुरक्षित रखने के लिए उसे नकुलनाथ के नाम कर दिया था।
कमलनाथ ने कहा कि मैं अभी उनकी पोल खोल दूं? भूपेन्द्र सिंह का घर तक मैंने नहीं लिया। उनका घर सुरक्षित रखने के लिए मैंने उसे नकुल के नाम पर कर दिया। सब मंत्री मेरे पीछे पड़े थे कि ये घर चाहिए। वो घर उनके पास रहे इसलिए मैंने उसे नकुल नाथ के नाम कर दिया था। उन्होंने रिक्वेस्ट की थी कि मेरा बेटा यहां पढ़ रहा है, घर मेरे पास रहने दीजिए। मैंने नकुल नाथ के नाम पर करा कर खाली नहीं कराया था।
उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे पढ़ रहे हैं। अभी यहां से मत हटाइए। मैंने सोचा ये मानवता की बात है, बच्चे पढ़ रहे हैं। मैंने उनके ऊपर कोई अहसान नहीं कर रहा था। उनकी मांग भी गलत नहीं थी। सही बात उन्होंने बताई तो क्योंकि मेरे अपने लोग जो प्रेशराइज कर रहे थे, उनसे सुरक्षित रहे इसलिए उसे नकुल के नाम कर दिया।
दरअसल, कांग्रेस कार्यालय में रविवार को दिग्विजय सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी कमलनाथ वहां पहुंच गए। पत्रकारों ने जब कांग्रेस की सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह के परिवार को प्रताड़ित करने के उनके आरोपों के संबंध में दिग्विजय सिंह से सवाल पूछा तो कमलनाथ ने जवाब देते हुए कहा- पूरा प्रदेश गवाह है कि कांग्रेस के कार्यकाल में हमने कभी ऐसी राजनीति नहीं की। मेरे पास कई शिकायतें आतीं थीं। पिछले मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक की। आप लोगों को अभी ई- टेंडरिंग, हनीट्रेप की पूरी सच्चाई नहीं पता। मैं नहीं चाहता था कि हमारे प्रदेश की बदनामी हो। इस प्रकार की राजनीति के बजाए विकास के काम कीजिए। वे आयोग बना दें कि 2018 से अब तक कौन प्रताड़ित हुआ।
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वहीं, दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए कि एमपी में भाजपा सरकार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर उन्हें परेशान कर रही है। झूठे केस लगाए जा रहे हैं, मकान तोड़े जा रहे हैं। उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। कमलनाथ ने इस उत्पीडन को लेकर कमेटी बनाई थी। मुझे उस समिति का अध्यक्ष बनाया था। उसमें दतिया, टीकमगढ़ और सागर के बारे में बताया था। हमारे पास खुरई, सुरखी और रहली से शिकायत आई थीं। मुझे कमलनाथ जी ने सागर जाने के निर्देश दिए थे। छह वकीलों की समिति के साथ मैं सागर जिले के दौरे पर गया था। वकीलों की समिति ने कुछ सुझाव दिए हैं कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण बनाए गए हैं। उन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की अदालत में हम निशुल्क लड़ाई लड़ेंगे और कांग्रेस के हर कार्यकर्ता के साथ पूरी पार्टी खड़ी है।
उन्होंने कहा कि अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में मुझे ऐसे झूठे केस लगाने का उदाहरण नहीं मिला, जो हमें दतिया, सुरखी और खुरई में देखने को मिले। विरोध करने वालों, नगर पालिका चुनाव लड़ने वालों के खिलाफ फर्जी केस दर्ज किए गए, घर गिराने की धमकी दी गई। जबरदस्ती लोगों को परेशान किया जा रहा है। कई लोग जेल में बंद हैं। मैं जेल में जाकर कुछ लोगों से मिला। कल शशांक शेखर सागर आए थे उनके साथ बैठक हुई। हर जिले में दो वकील तैनात किए जा रहे हैं, जो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के फ्री में केस लड़ेंगे। मैंने कमलनाथ जी, नेता प्रतिपक्ष के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की है। हमने उनसे ये मांग की है कि इसकी जांच होनी चाहिए। झूठे प्रकरणों की जांच कराना चाहते हैं, जिसने अपराध किया। हम उसका समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन जिनके खिलाफ झूठे केस दर्ज किए गए हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)