भोपाल। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को करीब पांच साल पहले भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में ब्लास्ट करने के मामले में आठ आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी है। इनमें से सात को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन आठ आतंकियों में चार आतिश, दानिश, मोहम्मद फैजल व सैयद मीर को मप्र के नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से गिरफ्तार किया गया था।
करीब पांच साल पहले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को डैमो देने के लिए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर की एक बोगी में विस्फोटक रखखर ब्लास्ट किया गया था। इसके लिए सीरिया के आतंकी टास्क दे रहे थे। उन्होंने किसी की भी हत्या करने को कहा था। जिसके बाद आतंकी चलती ट्रेन में ब्लास्ट कर भाग गए थे।
घटना 7 मार्च 2017 की है। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन (59320) सुबह 6:25 बजे भोपाल स्टेशन से रवाना हुई। सुबह 9:38 बजे शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन के करीब ट्रेन में ब्लास्ट हुआ। इसमें नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग ट्रेन से कूद गए। उसकी वजह से उन्हें चोटें आईं। ब्लास्ट की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका। इसके बाद 14 मार्च 2017 को केंद्र सरकार ने मामले की जांच एनआईए को सौंपी। जांच में सामने आया कि आतंकी संगठन आईएस से जुड़े आतंकियों ने बम प्लांट किया था। जांच एजेंसियों ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से मोहम्मद फैजल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल रॉकी और मोहम्मद आतिफ ईरानी को गिरफ्तार किया, जबकि एक आतंकी सैफुल्लाह मुठभेड़ में मारा गया।
मप्र से गिरफ्तार चारों आतंकी आतिश, दानिश, मोहम्मद फैजल व सैयद मीर मप्र में दहशत फैलाना चाहते थे। इसी मंशा से भोपाल-उज्जैन पैसेंजर की एक बोगी में विस्फोटक रख दिया था। शाजापुर के पास जबड़ी स्टेशन पहुंचने पर अचानक बोगी में धमाका हुआ। विस्फोट के बाद आतंकी खेतों से भागते हुए सड़क पर पहुंचे और सड़क मार्ग से होते हुए भोपाल के नादरा बस स्टैंड आ गए थे। यहां से ये बस में सवार होकर पिपरिया की ओर रवाना हो गए थे। घटना के बाद से ही मिले सुराग के आधार पर एटीएस लगातार आतंकियों का पीछा कर रही थी। उन्हें पिपरिया में दबोच लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें उत्तरप्रदेश की एटीएस अपने साथ ले गई थी। (एजेंसी, हि.स.)