Friday, September 20"खबर जो असर करे"

मप्र में बीते चार दिन में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत

– ओलावृष्टि से 520 ग्रामों में 38 हजार 900 कृषकों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल प्रभावित

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश में बीते चार दिन से मौसम बिगड़ा हुआ है और कई इलाकों में लगातार बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। रविवार को भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हुई। बीते चार दिन में प्रदेश में ओलावृष्टि से 20 जिलों की 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में 38 हजार 900 कृषकों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। वहीं, प्रदेश के 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु हुई है।

यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ली गई ओलावृष्टि से निर्मित स्थिति की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि मौसम विभाग द्वारा 16 से 19 मार्च के दौरान प्रदेश के समस्त संभागों में ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और वर्षा की चेतावनी जारी की गई थी। नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में 17 से 20 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में 19 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। कुल 20 जिलों में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि की जानकारी प्राप्त हुई है।

ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में ओलावृष्टि से निर्मित स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया गया है। एक सप्ताह में सर्वे कार्य पूर्ण कर किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। सर्वे में कोई लापरवाही न हो, सर्वे ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ हो और प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी किसान का खेत सर्वे से न छूटे।

किसानों को राहत राशि के साथ फसल बीमा योजना का लाभ भी मिलेगा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सर्वे के साथ ही प्रभावित किसानों और उन्हें हुए नुकसान की सूची पंचायतों में चस्पां की जाए। किसानों की ओर से प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर पूरी संवेदना और पारदर्शिता के साथ नुकसान का आंकलन किया जाए। किसानों को राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को समय रहते नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे के समानांतर ही फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। इससे आरबीसी 6-4 में दी जाने वाली तात्कालिक राहत की राशि और फसल बीमा योजना का सहारा किसानों को मिल सकेगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी।

मौसम विभाग ने जताई मौसम खुलने की संभावना, कुछ जगह हो सकती है बूंदाबांदी
प्रदेश के पिछले चार दिनों से मौसम में आए परिवर्तन ने जैसे सबकुछ उलट-पुलट दिया है। कई जिलों में लगातार बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के कारण जन-जीवन व्यस्त हो गया है, लेकिन अब इससे राहत मिलने वाली है। बारिश और ओलावृष्टि का कारण बने वेटर सिस्टम कमजोर पड़ चुके हैं। ऐसे में मंगलवार से मौसम साफ होने और धूप तपने के आसार हैं। हालांकि, स्थानीय प्रभाव से अगले 24 से 48 घंटों में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है।

वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डा. अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में आने वाले दिनों में ओलावृष्टि की संभावनाएं अब नहीं हैं। भोपाल में मंगलवार को बादल छाने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों के लिए रायसेन, विदिशा, शिवपुरी, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सागर, जबलपुर और सिवनी में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां गरज-चमक के साथ तेज हवा के साथ वर्षा की संभावना है। (एजेंसी, हि.स.)