काठमांडू। अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन नेपाल के तीन हजार से अधिक मंदिरों में विशेष पूजा पाठ, हवन, भजन, कीर्तन करने की तैयारी की गई है।
काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर सभी शक्तिपीठों में 22 जनवरी को विशेष पूजा की तैयारी की गई है। काठमांडू के ही बुढानिलकण्ठ मंदिर, गुहेश्वरी मंदिर, मैतीदेवी मंदिर, दक्षिणकाली मंदिर, शोभा भगवती मंदिर, भद्रकाली आदि शक्तिपीठों में सुबह के समय विशेष पूजा, दोपहर को भजन कीर्तन और शाम को विशेष हवन किए जाने की तैयारी है।
विश्व हिन्दू परिषद नेपाल के महासचिव जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि काठमांडू सहित देश के सभी बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों में 22 जनवरी को विशेष आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों में स्थानीय लोगों के सहयोग से ही इन सब कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
काठमांडू के अलावा मुक्तिनाथ मंदिर, पोखरा के विन्ध्यवासिनी मंदिर, सप्तरी के छिन्नमस्ता भगवती मंदिर, सुनसरी जिले के दन्तकाली मंदिर, बांके जिला के बागेश्वरी मंदिर, सल्यान जिले के कमलाक्षी, गोकर्ण के भैरवी मंदिर, दैलेख के ज्वालादेवी, पर्सा के गहवा माई मंदिर, बारा के गढीमाई मंदिर, मकवानपुर के मनोकामना मंदिर, नुवाकोट के जलपा देवी सहित एक हजार से अधिक प्रसिद्ध देवी मंदिरों में विशेष आयोजन रखा गया है।
विश्व हिन्दू परिषद नेपाल के संगठन महासचिव प्रह्लाद रेग्मी ने कहा कि तीन हजार की संख्या नेपाल के प्राचीन और बडे मंदिरों की है। उन्होंने दावा किया कि पूरे नेपाल के हर गली मुहल्ले में रहे तीस हजार से अधिक मंदिरों में 22 जनवरी को कोई ना कोई कार्यक्रम रहने वाला है।
रेग्मी के मुताबिक इन शक्तिपीठों और प्राचीन मंदिरों के अलावा नेपाल में लगभग सभी जिलों में भगवान श्रीराम का भी मंदिर है जहां 22 जनवरी को विशेष कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर तो स्थानीय लोगों के द्वारा अष्टजाम, अखण्ड पाठ, लखराउ, सामूहिक रामचरित मानस का पाठ जैसे अन्य प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम भी रखा गया है। रेग्मी ने यह भी बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के समन्वय के अलावा भी नेपाल के हर शहर और गांव में स्थानीय लोगों में 22 जनवरी को लेकर एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिल रहा है।