बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉं सतीश सोनी के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति पर 3 ग्रहों योग बन रहा है। जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और राजपद योग का निष्पादन होगा। संक्रांति का पुण्य काल 10 घंटा 31 मिनट तक रहेगा। संक्रांति काल सुबह 7.15 से प्रारंभ होकर शाम 5.45 तक रहेगा। वही सुबह 7.15 से 9.00 बजे तक महा पुण्य काल का समय रहेगा। इस दौरान किए जाने वाले विशेष कार्य लाभदायक होंगे।
जनवरी के पहले ह ते में पूर्णिमा पर पौष मास खत्म होगा। इसके बाद 7 जनवरी से माघ मास की शुरुआत होगी। इसमें दो चतुर्थी, एकादशी और प्रदोष व्रत रहेंगे। वही साल की पहली शनिचरी अमावस्या 21 को होगी। और इसके अगले दिन 22 से गुप्त नवरात्रि शुरू हो जाएंगे। इन्हीं में से 26 जनवरी को बसंत पंचमी का महासंयोग बनेगा। यह 26 जनवरी और बसंत पंचमी का महासंयोग 2004 के बाद बनेगा।
वर्ष की पहली पौष पूर्णिमा 6 जनवरी सर्वार्थसिद्धि योग में
नए साल की पहली पूर्णिमा 6 जनवरी शुक्रवार को मनाई जाएगी। शुक्रवार और षौष पूर्णिमा के योग में भगवान विष्णु महालक्ष्मी के साथ सूर्य देव, चंद्रदेव और शुक्र ग्रह की पूजा करना श्रेष्ठ कारी होगी। वहीं पौष पूर्णिमा पर इंद्र योग, ब्रह्म योग , सर्वार्थसिद्धियोग इस दिन के महत्व को दुगना कर रहे हैं ।पौष पूर्णिमा पर्व 6 जनवरी सुबह 2.14 से 7 जनवरी सुबह 4.37 तक रहेगी। इस दिन दान पुण्य कर पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों से आशीर्वाद लेने की परंपरा है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए सत्यनारायण की कथा कराने का प्रचलन है। (हि.स.)