Friday, November 22"खबर जो असर करे"

सीट शेयरिंग को लेकर महाराष्ट्र में राहुल और शरद के बची बनी सहमति!

मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शरद पवार से फोन पर बातचीत की है. जानकारी के मुताबिक, दोनों कद्दावर नेताओं के बीच इस दौरान महाराष्ट्र में जारी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा हुई है. सीट शेयरिंग के मुद्दे को जल्द सुलझाया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 सीट में से 39 सीटों पर सहमति बनी है. 9 सीट को लेकर पेंच फसा है. जिस सीट पर जो पार्टी मजबूत है वहां‌ वो पार्टी चुनाव लड़े, ऐसी सहमति बनी है.

I.N.D.I.A. गठबंधन में महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी को लेकर भी बातचीत हुई है. सूत्रों ने बताया है कि 27-28 फरवरी के दिन सीट शेयरिंग को लेकर एमवीए की महत्वपूर्ण बैठक होनी

महाराष्ट्र में आसान नहीं है सीट शेयरिंग पर सहमति बनाना
दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में सीट बंटवारा करना बड़ी चुनौती है. यहां पर महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार के एनसीपी गुट के बीच पहले से ही गठजोड़ है. ऐसे में सवाल है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से किसके पास कितनी सीटें जाती हैं?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ गठबंधन पर फैसला हो जाने के बाद अब राहुल गांधी महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय करने में जुट गए हैं.

इन दलों को साथ लेना चाहते हैं शरद पवार
महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर पहले भी राहुल गांधी और शरद पवार के बीच बातचीत हो चुकी है. दोनों के बीच महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी पार्टी शिव सेना (UBT), कांग्रेस और NCP (शरद पवार गुट) के बीच सीट शेयरिंग के फार्मूले पर लंबे समय से सहमति बनाने की कोशिश हो रही है.

सामने आया है कि शरद पवार I.N.D.I.A. में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (Peasants and Workers Party) और वंचित बहुजन अघाड़ी (Vanchit Bahujan Aghadi) जैसे छोटे दलों को शामिल करने के पक्ष में हैं. पवार का कहना है कि राज्य में इन दलों की अच्छी पकड़ है. गुरुवार को भी जब राहुल गांधी से शरद पवार की बात हुई तो खबर है कि उन्होंने जल्द से जल्द सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने को कहा है, जिससे लोकसभा चुनाव के लिए संयुक्त रैलियां आयोजित की जा सकें.