Friday, November 22"खबर जो असर करे"

सारण में चुनाव के बाद फिर हिंसा, बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या से तनाव

पटना। बिहार के सारण जिले में लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर हिंसा का मामला सामने आया है। जिले के रसूलपुर थाना इलाके में बीजेपी कार्यकर्ता सुजीत कुमार की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई है। इससे इलाके में तनाव फैल गया है। मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। यह घटना सारण और सीवान जिले की सीमा पर स्थित चपरैथा गांव में हुई, जो कि महाराजगंज लोकसभा के अंतर्गत आता है। परिवार वालों ने चुनावी रंजिश में हत्या का आरोप लगाया है।

मृतक के भाई नीतीश गिरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बीते 24 मई (महाराजगंज में मतदान से एक दिन पहले) को गांव के कुछ युवकों ने उनके घर से भाजपा का झंडे उतार दिया और कांग्रेस का झंडा लगा दिया था। इसके तुरंत बाद दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच तीखी नोकझोंक और मारपीट हुई थी। सुजीत ने कांग्रेस समर्थकों का विरोध किया तो उनमें से कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।

नीतीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के 18 दिन बाद उसके भाई सुजीत की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। उसने बताया कि बीते 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के दिन हम लोगों ने महाराजगंज और सारण सीट पर बीजेपी की जीत का जश्न मनाया था और पटाखे फोड़े थे। उस दिन भी आरोपियों ने विरोध किया था, लेकिन ग्रामीणों ने स्थिति को शांत कर दिया।

बताया जा रहा है कि गुरुवार को सुजीत जब शौच के लिए घर से बाहर गया, तब उसपर हमला किया गया। गंभीर हालत में उसे एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों और परिवार के सदस्यों ने सड़क जाम कर दी। उन्होंने टायर जलाए और दो घंटे से अधिक समय तक वाहनों का आवागमन बाधित किया।

सारण के एसपी कुमार आशीष ने बताया कि इस मामले में दो लोगों मनीष कुमार यादव और रघुवीर कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि बुधवार को मृतक के साथ मारपीट की गई थी और मनीष की बहन के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा, दोनों परिवारों के बीच मनमुटाव हत्या का कारण हो सकता है।

इससे पहले 21 मई को पांचवें चरण के मतदान के एक दिन बाद छपरा में भाजपा और आरजेडी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। इसमें आरजेडी के एक समर्थक की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य घायल हुए थे। जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पांच दिनों के लिए सारण जिले में इंटरनेट सेवा बंद की थी।