नई दिल्ली। सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करने की मंजूरी के लिए मुख्य सचिव और उपराज्यपाल के कार्यालयों को फाइल भेजी है। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह के सामने यह दलील दी। उन्होंने सीबीआई को मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि सीबीआई ने नियमों के अनुसार केस डायरी नहीं बनाई है।
अदालत ने कहा- पिछले आदेश के अनुपालन में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की गई है। अदालत को बताया गया है कि मंजूरी देने के लिए फाइल को मुख्य सचिव के कार्यालय और उसके बाद एलजी के कार्यालय को भेज दिया है। सीबीआई व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करेगी ताकि मंजूरी की प्रक्रिया समय से पूरी हो सके। न्यायाधीश को सीबीआई ने यह भी बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
फाइल को मंजूरी के लिए उपयुक्त प्राधिकारी के पास भेज दिया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि 24 जून की अंतिम केस डायरी में उल्लेख किया गया था कि जांच अभी भी लंबित है। इसके बाद, ऐसी कोई केस डायरी नहीं है जिसमें उल्लेख किया गया हो कि जांच पूरी हो चुकी है, जैसा कि सीबीआई का कहना है। यह स्पष्ट है कि केस डायरी को अपडेट नहीं किया गया है और नियमों के अनुसार उसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है।
अदालत का कहना था कि नियमों के अनुसार, किसी भी जांच की निगरानी मुख्य रूप से वरिष्ठ अधिकारियों के पास होती है। ऐसे में योग्य डीआईजी को सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल करना होगा ताकि सुनवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। बता दें कि सीबीआई ने अदालत को बताया था कि वह मंजूरी मिलने के बाद इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी। सीबीआई ने 12 दिसंबर 2023 को बताया था कि आगे की जांच दो महीने में पूरी होने की संभावना है।