रूस की संसद को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे थे। इस कठिन संघर्ष से शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर रहे थे लेकिन हमारी पीठ पीछे एक बहुत अलग ही साजिश रची जा रही थी। हम अपने हित और स्थिति की रक्षा करते हैं कि सभ्य देशों और बाकी के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए।
पुतिन ने अपने भाषण में दावा किया कि सैन्य अभियान से कीव ने हथियारों की आपूर्ति को लेकर पश्चिम के साथ बातचीत की थी। पश्चिम ने निंदनीय रूप से अपने ही लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा, ”मैं पहले ही कई बार कह चुका हूं कि यूक्रेन के लोग पश्चिमी देशों के बंधक बन गए हैं और इस देश को राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक रूप से कब्जा कर लिया है।”
पुतिन ने आगे कहा कि डोनबास इलाके में शांति स्थापित करने के लिए हमने हरसंभव कोशिश की। वर्ष 2014 के बाद से ही डोनबास काफी संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है। यूक्रेन में लगातार हो रहे हमलों के बाद भी डोनबास के लोग साल भर तक टिके रहे। उन्हें उम्मीद थी कि रूस उनके बचाव में आएगा लेकिन हमारी पीठ के पीछे अलग ही साजिश तैयार की जा रही थी। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश ही इस युद्ध के गुनहगार हैं और हम सिर्फ रोकने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं। (हि.स.)