अमेठी। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस की तरफ से मिले राहुल गांधी के न्याय यात्रा में शामिल होने के न्योते को स्वीकार कर लिया है। अखिलेश यादव खुद राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होंगे। राहुल गांधी की यात्रा 16 फरवरी को बिहार के रास्ते उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।
कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव अमेठी या रायबरेली में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के साथ ही साझा सभा को भी संबोधित कर सकते हैं। सपा की तरफ से न्योता स्वीकारने और यात्रा में अखिलेश के शामिल होने की सहमति से कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। बंगाल ममता बनर्जी और बिहार में नीतीश कुमार से मिले धोखे के बाद यूपी में सपा का सहयोग मिलना कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की खबर है।
अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है। हालांकि पिछली बार अमेठी में राहुल गांधी स्मृति ईरानी से हार गए थे। रायबरेली से सोनिया गांधी ने अपनी सीट बचा ली थी। कांग्रेस से गठबंधन के बिना भी सपा इन दोनों सीटों पर उसे समर्थन देती रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से अखिलेश यादव को न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अखिलेश को 16 फरवरी को ही चंदौली के सैयदराजा स्थित नेशनल इंटर कॉलेज में आयोजित कांग्रेस की सभा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन कहा जा रहा है कि अखिलेश अमेठी या रायबरेली में कांग्रेस की यात्रा में शामिल होंगे। चंदौली से यूपी में यात्रा प्रवेश करने के बाद वाराणसी, जौनपुर के रास्ते सुल्तानपुर, अमेठी और रायबरेली आएगी।
सपा ने इस बारे में कहा कि एक्स पर लिखा कि अखिलेश यादव को राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में सम्मिलित होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे का निमंत्रण प्राप्त हुआ है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस को बधाई देते हुए निमंत्रण स्वीकार किया और 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के बाद अमेठी या रायबरेली में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आशा है ये ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ उप्र में प्रवेश करके PDA की रणनीति से जुड़ेगी और हमारे ‘सामाजिक न्याय’ और ‘परस्पर सौहार्द’ के आंदोलन को और आगे ले जाएगी। ‘INDIA’ की टीम और ‘PDA’ की रणनीति, जीत का नया इतिहास लिखेगी।
इससे एक दिन पहले ही अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्हें अभी कांग्रेस का न्योता नहीं मिला है। अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन का एकतरफा ऐलान करते हुए 11 सीटें देने की घोषणा पिछले दिनों की थी। हालांकि यूपी के कांग्रेस नेता इससे सहमत नहीं है। 11 सीटों के ऐलान को बी एकतरफा बताया था। अब माना जा रहा है कि कांग्रेस बैकफुट पर है औऱ किसी भी स्थिति में सपा को छोड़ना नहीं चाहती है। हालांकि यूपी में सपा और कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा था।