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मऊगंज में साइबर क्राइम से परेशान महिला ने जहर खाकर दे दी जान

रीवा। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां डिजिटल अरेस्ट की शिकार बनी महिला ने आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक आरोपी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर महिला को लगातार कई दिनों से परेशान कर रहे थे, और उससे 25 हजार की रकम लेने के बाद भी उसे अरेस्ट करने के नाम पर लगातार पैसों की मांग कर रहे थे। इससे परेशान होकर महिला ने आत्मघाती कदम उठाते हुए जहर खा लिया, जिसे इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।

मामला यह है कि मऊगंज जिले में साइबर ठगों ने एक शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट किया था। वह उससे 25 हजार ठगने के बाद भी उसे लगातार पैसों के लिए परेशान कर रहे थे, जिसके चलते महिला ने जहर खा लिया।
जानकारी के मुताबिक उन्हें किसी अनजान नंबर से वाट्सऐप पर कॉल आया था। साइबर ठगों ने इंडियन आर्मी और पुलिस की धौंस देकर उन्हें स्कैम में फंसाया और लगातार रुपए देने का दबाव बनाया।

रेशमा पांडेय के खाते में जितने रुपए थे ठगों को दिए, लेकिन जब रुपए खत्म हो गए तो जहर खा लिया। रेशमा को गंभीर हालत में संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान रेशमा ने दम तोड़ दिया।

रेशमा को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद ठग उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे। वीडियो कॉलिंग में धमकी देने के बाद कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी गई थी, जिसमें पुलिस और आर्मी के बड़े अफसर दिखाई दे रहे है। हद तो ये हो गई कि जब रेशमा ने वीडियो कॉल उठाना बंद कर दिया तो 2 दर्जन से अधिक बार फोन कॉलिंग की। मृतिका के देवर विनोद पांडे ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के समय रेशमा घर में अकेली थी, जिस वजह से वह किसी से मदद नहीं ले पाई। रेशमा ने साइबर ठगों को 25 हजार रुपए दिए थे, लेकिन इसके बाद ठग 50 हजार रुपए की डिमांड करने लगे। उन्होंने धमकी दी कि पुलिस और आर्मी घर आ रही है पकड़कर ले जाएगी, 50 हजार का जुर्माना और 2 साल की जेल होगी, जिसके बाद उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।