मुरादाबाद। श्री हरि ज्योतिष संस्थान के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर भैया दूज का पर्व मनाया जाता है।
आचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी जो 15 नवंबर को दोपहर 1:47 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन भाई को टीका करने के लिए सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक है।
भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है
आचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है भाई बहन का जीवन सुख, समृद्धि, संपन्नत व मां यमुना और यमराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है जिससे भाई बहन को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।
ऐसे मनाएं भाई दूज
भाई दूज पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर खड़ा करके रोली या फिर अष्टगंध से तिलक लगाना चाहिए। भाई दूज पर घर के प्रवेश द्वार पर चौमुखा दीया जलाने से घर में यह की कृपा व सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।
यम और यमि की कथा
भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, सूर्य पुत्र यम और यमी भाई-बहन थे। यमुना के अनेकों बार बुलाने पर एक दिन यमराज यमुना के घर पहुंचे। यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की कामना की। इसके बाद जब यमराज ने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा, तो यमुना ने कहा कि आप हर वर्ष इस दिन में मेरे घर आया करो और इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे तुम्हारा भय नहीं होगा। बहन यमुना के वचन सुनकर यमराज अति प्रसन्न हुए और उन्हें आशीष प्रदान किया। इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई।