जयपुर। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती को लेकर भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है. राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं को अब तक 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था. लेकिन अब आगामी भर्तियों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया है. हालांकि इस फैसले को लागू करने के लिए राज्य सरकार को राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करना होगा. सीएम भजनलाल शर्मा ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.
जानकारी के अनुसार राजस्थान के शिक्षा विभाग में वर्तमान में तृतीय श्रेणी टीचर के 29,272 पोस्ट खाली हैं. इस संबंध में जल्द ही अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड राजस्थान में थर्ड ग्रेड टीचर्स की भर्ती 2024 के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा. इसके तहत प्राइमरी और अपर प्राइमरी टीचर के खाली पोस्ट को भरा जाएगा. सरकार के इस फैसले से अब इनमें 14,636 तृतीय श्रेणी टीचर के पद महिलाओं के खाते में आएंगे. जबकि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार 8781 पद ही महिला टीचर्स को मिलते. भजनलाल सरकार के इस फैसले से महिलाओं को सीधे 5855 पदों का अतिरिक्त फायदा होगा.
नीतिश सरकार ने 2006 में कर दिया था 50 फीसदी आरक्षण
बिहार में नीतिश सरकार 2006 में ही बड़ा दांव खेलते हुए प्राथमिक शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया था. उसका फायदा उन्हें आज तक मिल रहा है. राजस्थान में इसको लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी लेकिन यह मामला अंजाम तक नहीं पहुंच पाया था. बिहार में बीते साल BPSC Teacher Recruitment 2023 में महिलाओं को आरक्षण के लिए सौ बिन्दुओं का रोस्टर सिस्टम अपनाया गया था. इस रोस्टर सिस्टम के कारण हर श्रेणी में महिला पहले नंबर पर रही. जिन विषयों में पद कम थे उनमें कई में पुरुषों का नंबर ही नहीं आया. राजस्थान में बढ़े हुए आरक्षण के लिए क्या पैटर्न अपनाया जाएगा. यह अभी तय नहीं है. राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के बाद इसका खुलासा हो पाएगा.
महिला सशक्तिकरण के लिहाज से बड़ा कदम
भजनलाल सरकार का यह फैसला महिला सशक्तिकरण के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है. सरकार के इस फैसले से तृतीय श्रेणी टीचर की तैयारी में जुटी महिलाओं को बड़ा संबल मिलेगा. सीएम भजनलाल शर्मा ने इसके साथ ही महिलाओं के सशक्तीकरण और उनके सर्वांगीण विकास के लिए अपनी पार्टी के संकल्प-पत्र में किए गए एक और महत्वपूर्ण वादे को पूरा कर दिया है. इस फैसले के लागू होने के बाद राज्य में महिलाओं को रोजगार के ज्यादा मौके मिलेंगे. वो आत्मनिर्भर बनकर सशक्त बन सकेंगी.