भोपाल ! माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के एमपी नगर स्थित विकास भवन के संविधान पार्क में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई । इस अवसर पर पुष्पांजलि एवं आदरांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया । अनुसूचित जाति_जनजाति प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने की। कार्यक्रम में एससी एसटी सेल के संयोजक प्रदीप डहेरिया, सह_संयोजक ज्ञानेश्वर ढोके विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने बाबा साहब को समरसता, भ्रातत्व का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की विचारधारा प्रगतिशील, प्रगतिवादी रही है । प्रो. सुरेश ने कहा कि बाबा साहब किसी वर्ग विशेष के प्रतीक नहीं है, बल्कि वे पूरे देश, पूरे विश्व और पूरे समाज के प्रतीक हैं ।
प्रो. सुरेश ने कहा कि अब हर साल विकास भवन परिसर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी जयंती का मुख्य कार्यक्रम होगा, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि व्याख्यान का कार्यक्रम विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर माखनपुरम में होगा । प्रो. सुरेश ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा साहब पाकिस्तान के सृजन के विरोधी थे और विभाजन के खिलाफ थे । उन्होंने संविधान में गौ-संवर्धन और समान नागरिक संहिता के बारे में भी लिखा है । इसके साथ ही उन्होंने संविधान में समय-समय पर संशोधन किए जाने की भी बात कही थी । आज के दिन को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने इसे भविष्य की पीढ़ी की ओर ले जाने के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए।
प्रो. सुरेश ने बाबा साहब को समरसता, भ्रातत्व का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब प्रगतिवादी, प्रगतिशील विचारधारा के थे । उन्होंने विद्यार्थियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को बाबा साहब के रास्ते पर चलने की बात कही । कुलपति प्रो. सुरेश ने इसके साथ ही मुंबई में विश्वविद्यालय को प्राप्त चार बड़े पुरस्कारों के बारे में भी बताया । उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय इतना नाम कमा रहा है कि उसे मुंबई में चार पुरस्कार प्राप्त हुए है। उन्होंने इसका श्रेय सभी संकाय सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिया ।
कार्यक्रम में एससी-एसटी सेल के सह-संयोजक ज्ञानेश्वर ढोके ने बाबा साहेब के बाल्यकाल से लेकर उनकी शिक्षा दीक्षा एवं उनके संघर्ष पर प्रकाश डाला । वहीं सेल के संयोजक प्रदीप डहेरिया ने बाबा साहब के उल्लेखनीय योगदान एवं कार्यों के बारे में बताया । कुलसचिव प्रो.डा अविनाश वाजपेयी ने कहा कि बाबा साहब अंतिम पंक्ति के लोगों बहुत चिंता करते थे एवं उनका ध्यान ऐसे लोगों पर रहता था। बाबा साहब का लक्ष्य इन्हें मुख्य धारा में लाना था । इस अवसर पर प्रोडक्शन निदेशक डॉ.आशीष जोशी, प्रोडक्शन सहायक प्रियंका सोनकर एवं छात्रा आयुषी गजभिए ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव विवेक शाक्य एवं आभार प्रदर्शन उपयंत्री मुकेश चौधरी ने किया । इस अवसर पर संचार शोध विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, निदेशक एएसआई डॉ. बबीता अग्रवाल, सहायक कुलसचिव एवं निदेशक विकास भवन परिसर विवेक सावरीकर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी,कर्मचारी एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे । कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात विकास भवन परिसर से बोर्ड ऑफिस चौराहे पर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा तक सभी अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने एक रैली निकाली। रैली को कुलपति प्रो. सुरेश ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर सभी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।