कोलकाता। पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राज्य में रैलियों की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया। सिलीगुड़ी में मीडिया से बात करते हुए, चौधरी ने कहा कि 28 जनवरी को कूच बिहार के फालाकाटा से फिर से शुरू होने वाली यात्रा का कार्यक्रम राज्य प्रशासन को बहुत पहले ही सौंप दिया गया था।
उन्होंने कहा कि “तब, प्रशासन ने कुछ नहीं कहा लेकिन अब वे कह रहे हैं कि वे अनुमति नहीं दे पाएंगे। हमें मणिपुर और असम में बाधाओं का सामना करना पड़ा और अब हम पश्चिम बंगाल में भी उसी समस्या का सामना कर रहे हैं।”
अधीर ने कहा कि “हमें सिलीगुड़ी में एक पब्लिक मीटिंग आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। हमें राज्य सरकार से बेहतर सहयोग की उम्मीद थी। वैसे भी, कुछ बदलावों को छोड़कर यात्रा का मार्ग और यात्रा कार्यक्रम वही रहेगा।” 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई यात्रा ने गुरुवार को असम से पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में प्रवेश किया। दो दिन के विश्राम के बाद अब यह यात्रा 28 और 29 जनवरी को उत्तर बंगाल से होकर गुजरेगी और फिर 29 जनवरी की शाम को बिहार में प्रवेश करेगी।
इंडिया गठबंधन के भीतर खींचतान
राहुल की यात्रा का बंगाल चरण ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब विपक्षी इंडिया गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है। टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी इस यात्रा में शामिल नहीं होगी क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें यात्रा के राज्य में प्रवेश करने की जानकारी नहीं दी है।
अब यात्रा को इजाजत नहीं दिए जाने को लेकर अधीर रंजन चौधरी के दावों पर पलटवार करते हुए टीएमसी ने कहा कि बंगाल में प्रशासन राजनीतिक प्रभाव से मुक्त है। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा, “पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन टूटने के लिए अधीर चौधरी जिम्मेदार हैं। दूसरे, राज्य में सभी विपक्षी दल कार्यक्रम करते हैं, किसी को कोई परेशानी नहीं होती। प्रशासन ने यह निर्णय लिया होगा क्योंकि स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं हैं।”
भाजपा ने शुक्रवार को दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार ने कांग्रेस को “अपमानित” करने के लिए पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को अनुमति देने से इनकार करने का फैसला किया है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के सह-प्रभारी और पार्टी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “राहुल गांधी की यात्रा की अनुमति नहीं देने का ममता बनर्जी का फैसला आई.एन.डी.आई. गठबंधन के ताबूत में आखिरी कील की तरह है।” उन्होंने कहा, “इस फैसले का उद्देश्य कांग्रेस को अपमानित करना है…लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि स्टॉकहोम सिंड्रोम से पीड़ित कांग्रेस सिर्फ पांच मिनट के लिए यात्रा में शामिल होने के वास्ते ममता बनर्जी से विनती करती रहती है।”
मालवीय ने दावा किया कि बनर्जी “घबराई हुई” हैं और यह सब इस उम्मीद में कर रही हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) “परिणामों के बाद प्रासंगिक बने रहने” के लिए पश्चिम बंगाल की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा, “यह बहाना कि यह परीक्षाओं को देखते हुए किया गया है, एक दिखावा है। ऐसी कोई बाध्यता नहीं है क्योंकि परीक्षाएं दो फरवरी से शुरू हो रही हैं और यात्रा को 28 जनवरी को सिलीगुड़ी क्षेत्र में प्रवेश करना था।”
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दो दिवसीय पूर्व निर्धारित अवकाश के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी लौट आए। राहुल मणिपुर से मुंबई तक 6,700 किलोमीटर से अधिक लंबी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं। यात्रा फिलहाल पश्चिम बंगाल से होकर गुजर रही है।