मंदसौर – पशुधन और डेयरी कृषि योजनाओं को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया । सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि सरकार का पशुधन और डेयरी किसानों तक योजनाओं का लाभ बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर जागरुकता अभियान आयोजित करने का विचार है। सरकार ने राज्यों को पशुधन और डेयरी किसानों के संबंध में सूक्ष्म योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया है और सरकार ने पशुधन और डेयरी कृषि के संबंध में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की है। केंद्र सरकार ने चारा और चारे की उपलब्धता सम्बन्धी समस्याओं के समाधान हेतु कार्य बल गठित करने का निर्देश राज्य सरकारों को दिया है। इस मुद्दे पर अन्य राज्यों कीं क्या प्रतिक्रिया है।
प्रश्न के जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने बताया कि भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने देश में आहार और चारे की उपलब्धता के मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों से एक कार्यबल गठित करने का अनुरोध किया है। पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से देश भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को पशुपालन और डेयरी फ़ार्मिग में नवीनतम प्रथाओं और तकनीकों के बारे में, डीएएचडी की विभिन्न योजनाओं के बारे में तथा उनसे लाभ प्राप्त करने के तरीकों के संबंध में बेहतर समझ हासिल करने में मदद करना है। डीएएचडी ने वित्त वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में 24950 जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं।
डीएएचडी पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के माध्यम से आकाक्षी जिलों में पशुधन जागृति अभियान-गहन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। उन्होने बताया कि चारे की कमी के मुद्दे को हल करने संबंधी कार्यबल में राज्यों के कृषि, पशुपालन और डेयरी, वन और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शामिल हैं। यह कार्यबल गौठान और अवक्रमित (डिग्रेडिड) वन भूमि में सामुदायिक चारागाह भूमि के पुनर्विकास के लिए चारे के तहत आने वाले क्षेत्रफल को बढ़ाने का प्रयास करेगा तथा भूमि और बीज उत्पादन, चारा फार्मिंग तथा साइलेज/टीएमआर आदि के निर्माण हेतु निजी उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, आईसीएआर- भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी द्वारा 25 राज्यों के लिए चारा संसाधन विकास योजनाएँ तैयार की गई हैं, जिसमें चारा फसलों की किस्मों, उत्पादन प्रणालियों की जानकारी, संरक्षण प्रथाएं आदि शामिल हैं जिन्हें कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को भेजा गया है। डीएएचडी, भारत सरकार नियमित रूप से राज्य सरकारों और विभिन्न हितधारकों के साथ विभिन्न समीक्षा बैठकों, क्षेत्रीय समीक्षा बैठकों, वीडियो कॉन्फ्रेंस तथा अपने अधिकारियों के दौरे के माध्यम से पशुधन और डेयरी फार्मिंग के संबंध में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करता है।