मंगलवार को काठमांडू में शुरू हुई दोनों संगठनों की संयुक्त संचालन समिति की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सिलीगुड़ी-चारआली और अमलेखगंज-लोथर पेट्रोलियम पाइपलाइन साढ़े 4 साल के भीतर पूरी की जाए।
उनके मुताबिक दोनों पेट्रोलियम पाइपलाइन निर्माण के लिए दोनों देश अपने अपने हिस्से में आए कामों को यथाशीघ्र पूरा कर निर्माण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी है। बैठक में पाइपलाइन के लिए नेपाल के तरफ आवंटित भूमि को बाउंड्री वाल से घेर कर जल्द से जल्द आईओसी को सौंपने और फिर निविदा के लिए जाने पर भी सहमति हुई है।
नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक, भारत सिलीगुड़ी से झापा चराली तक 50 किमी लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना का निर्माण करेगा और चारआली में 19,000 किलोलीटर की क्षमता वाला एक स्मार्ट ग्रीनफील्ड टर्मिनल बनाएगा।
इसी तरह अमलेखगंज से चितवन लोथर तक 62 किमी लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना बनाने का समझौता पहले ही हो चुका है। भारत ने यह भी कहा है कि यह दोनों पाइपलाइन परियोजनाओं को पूर्ण रूप से भारतीय अनुदान सहयोग में बनाकर नेपाल सरकार को सौंपा जाएगा।