
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल के बीच टैरिफ को लेकर अनबन साफ दिखाई दे रही है। गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर वह चाहते तो उन्हें बर्खास्त भी कर सकते थे। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलनी के साथ ओवल हाउस में रिपोर्टर्स से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, मैं उनसे खुश नहीं हूं। बता दें कि पॉवेल का कार्यकाल 26 मई 2026 को खत्म होगा। उनकी नियुक्ति पहली बार डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ही 2017 में हुई थी। वहीं 2022 में जो बाइडेन ने उनका कार्यकाल चार साल के लिए बढ़ा दिया।
क्यों नाराज हैं डोनाल्ड ट्रंप
नवंबर के महीने में पॉवेल ने स्पष्ट संकेत दिया था कि वह अपने पद से इस्तीफा देने वाले नहीं हैं। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि शॉर्ट टर्म इंटरेस्ट रेट को कम किया जाए। हालांकि पॉवेल ऐसा करने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वह एक स्वायत्त संस्था के चीफ हैं और इसमें कोई भी राजनीतिक दखल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था, हमें बिना किसी पुख्ता वजह के हटाया नहीं जा सकता।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि महंगाई नहीं है। फेड ने पिछले साल तीन बार रेट कट किया था। हालांकि इसके बाद पॉवेल ने ब्याज दर को होल्ड करने का फैसला किया। डोनाल्ड ट्रंप ने सभी आयातों पर 10 फीसदी का बेसिक टैरिफ लगा दिया इसके अलावा चीन पर 145 फीसदी का टैरिप लगा दिया गया। पॉवेल ने कहा था कि टैरिफ ने मुद्रा स्फीति कि स्थिति बिगाड़कर रख दी है। ऐसे में कोई फैसला लेने से पहले हमें ठीक से विचार करना पड़ेगा।
पॉवेल का कहना है कि फेड स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने चुनाव को देखते हुए जबरन 1972 में ब्याज दर कम करवाई थी तो 15 साल तक महंगाई काबू में नहीं आ सकी। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के 60 के करीब देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। इस लिस्ट में भारत भी शामिल है। वहीं चीन पर 145 फीसदी का टैरिफ लगा दिया गया है। टैरिफ के चलते ट्रेड वॉर की स्थिति बन गई है।