वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सत्ता के अंतिम दिनों में बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी प्रशासन ने पेंटागन की ओर से यूक्रेन को दिए गए हथियारों की मरम्मत और रखरखाव की अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों को अनुमति दी है। इसमें शर्त रखी गई है कि हथियारों की मरम्मत करने वाले ठेकेदारों की संख्या कम होगी। साथ ही वे युद्ध से दूर रहेंगे। इस फैसले का उद्देश्य रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन की मदद करना है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि ठेकेदार अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दिए गए हथियारों की क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत करेंगे। रूस के यूक्रेन पर युद्ध करने के बाद से अब तक अमेरिका अब तक कई अरब डॉलर के हथियार कीव को दे चुका है। मगर इन हथियारों की मरम्मत अब तक या तो यूक्रेन से बाहर ले जाकर होती थी या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कराई जाती थी।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों पर प्रतिबंध होने से लड़ाकू विमानों और हथियारों की मरम्मत का काम धीमा पड़ गया था। वहीं कई सारे उपकरण क्षतिग्रस्त होने के कारण उपयोग में नहीं आ रहे थे। इस फैसले के बाद यूक्रेन में ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सैनिकों की जरूरत नहीं होगी। साथ ही सुरक्षा और जोखिम कम करने जैसे मुद्दे पर उन कंपनियों की जिम्मेदारी होगी जो पेंटागन के साथ अनुबंध में प्रवेश करेंगी।
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ अमेरिकी रक्षा ठेकेदार पहले भी यूक्रेन गए हैं और वहां उन हथियारों की सर्विसि की है, जो पेंटागन द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। बताया जाता है कि यूक्रेन में पहले से ही अमेरिकी कंपनियों की बड़ी संख्या है। इन कंपनियों के कर्मचारी यूक्रेन की सरकार के साथ किए गए अनुबंध पूरा करने के लिए वहां काम कर रहे हैं, इसलिए वहां जमीनी स्तर पर काम करने वाले अमेरिकी कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं होगी।
अमेरिका कई बार कर चुका यूक्रेन की मदद
रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका कई बार यूक्रेन की सैन्य मदद कर चुका है। सबसे पहले अमेरिका ने यूक्रेन को 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य और आर्थिक सहायता दी थी। इसके बाद यूक्रेन को 42.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सुरक्षा सहायता के तहत हथियार मुहैया कराए गए।