जकार्ता। भारत की अगुवाई में शनिवार से शुरू हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर दुनिया के शीर्ष नेतृत्व ने खासी उम्मीदें लगा रखी हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को उम्मीद है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत मौजूदा भू-राजनीतिक विवादों को दूर कराएगा।
इंडोनेशिया के जकार्ता में 13वें आसियान-संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा कि मौजूदा भू-राजनीतिक विवादों को दूर किया जाए और विश्व नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक संभावित परिणामों के साथ पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं, इसलिए कुछ सवाल उनके लिए भी लिए जरूरी होंगे।
गुटारेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचनाओं को आज की दुनिया की जरूरतों के अनुकूल बनाने के लिए सम्मेलन में सुधार के बारे में स्पष्ट संदेश देना चाहिए। एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ऋण राहत है, जिससे विकासशील देशों को कोविड-19, यूक्रेन में युद्ध और कई अन्य स्थितियों के प्रभावों से उबरने में सक्षम बनाया जा सके। कई देशों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उनके पास अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राजकोषीय गुंजाइश नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इन सबके साथ उनकी दिलचस्पी जी-20 में एकत्रित हो रही उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकसित देशों को देखने में होगी। उन्होंने कहा कि हम एक विनाशकारी जलवायु स्थिति का सामना कर रहे हैं और विकासशील देशों को अनुकूलन बनाने के लिए जलवायु कार्रवाई के आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षा का सामना कर रहे हैं। यह भी देखना दिलचस्प रहेगा कि सम्मेलन के दौरान सभी देश उत्सर्जन को कम करने को बढ़ती महत्वाकांक्षा के लिए एकजुट दृष्टिकोण के रूप में आने में सक्षम हो सकें।